सवाल: डीएम की समीक्षा बैठको का असर विभागीय अधिकारियों नहीं आखिर क्यों, आम जन को कब मिलेगा इसका लाभ?


जौनपुर। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अध्यक्षता में नगर निकाय/डूडा /विनियमित क्षेत्र की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में  हुई।बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सभी ईओ से नगर पंचायतों में सड़कों की इंटरलॉकिंग, नाली निर्माण, जलनिकासी, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, एसटीपी निर्माण का कार्य, एमआरएफ सेंटर निर्माण, पंडित दीनदयाल आदर्श नगर पंचायत योजना के तहत टेंडर के संदर्भ में और नगर विकास योजना की समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन जगहों पर स्थलीय विवाद है वहां लेखपाल को भेजकर पैमाईश करायी जाए एवं उसका त्वरित निस्तारण कराया जाए। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालय में शौचालय निर्माण से जुड़े विवादों का त्वरित निस्तारण कराया जाये। जनपद के नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई एवं विनियमित क्षेत्र से नक्शा संबंधी समीक्षा के दौरान लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को दिए गए धनराशि से कराए जाने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने सभी विभागों के कार्यो को तय समयसीमा के अंतर्गत पूरा करने का निर्देश दिया।
जेसिज चौराहे से ओलन्दगंज तक मार्ग चौड़ीकरण, नाली निर्माण एवं मरम्मत की प्रगति के सन्दर्भ में एक्सईएन पीडब्ल्यूडी से जानकारी प्राप्त की और ई0ओ0 विनियमित क्षेत्र को निर्देशित किया कि जहॉ सड़को पर गड्ढे हो उसे तुरन्त ठीक कराये मुख्य मार्गों पर साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त कराये, बाजारों में और मुख्य मार्ग पर रात्रि के समय साफ-सफाई कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने उपजिलाधिकारी और ईओ को निर्देशित किया कि इस कार्य का स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण करें। संचारी रोगों को लेकर जनजागरुकता कार्यक्रम जनपद में कराया जाये। बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी गणेश प्रसाद,नगर मजिस्ट्रेट देवेंद्र सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ0 गोरखनाथ पटेल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
इस बैठक के बाद सवाल खड़ा होता है कि जिलाधिकारी लगातार बैठकों में आदेश निर्देश देते जरूर है लेकिन क्या उनका आदेश निर्देश धरातल पर नजर भी आ रहा है। हलांकि सरकारी तंत्र बैठके करके अपनी पीठ तो थपथपा ले रहा है लेकिन सही मायनो में आम जनमानस को इस तरह की बैठको का कोई लाभ नजर आता नहीं दिख रहा है। अगर हम जेसीज से ओलंदगंज तक मार्ग के चौड़ीकरण और नाली आदि ने निर्माण का कार्य लगभग एक साल होने को आज तक पूरा नहीं हो सका है। जबकि इस मार्ग के चौड़ीकरण और निर्माण आदि को लेकर दावे बहुत किये गये थे।इतना ही एसटीपी कार्य के चलते पूरे शहर की सड़के जर्जरावस्था को पहुंच गई है। सड़के जगह जगह पर धंसी हुई है।यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है लेकिन बैठको में निर्देश जारी रहने का क्रम लगातार जारी है। क्या यही है इन बैठको का आभ जनमानस के लिए असर ? सफाई का जहां तक सवाल है शहर की हर गली और सड़क सायद अधिकारी घर बैठकर देखते है गलियां आज भी गंदी और कूड़े से पटी रहती है। सफाई के नाम पर केवल कागजी खेल चल रहा है।बरसात के समय में नालियां जाम होने का खामियाजा आम जनमानस भुगत रहा है लेकिन जिम्मेदार के लिए तो आल इज ओक रहता है।

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