नयी कुलपति को कार्यभार किए एक भी पूरा नहीं भ्रष्टाचार धनोपार्जन लूट का वीडियो वायरल, जांच का आदेश

 

जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय की नयी कुलपति प्रो वन्दना सिंह को कार्य भार ग्रहण किये हुए ठीक से एक माह भी पूरा नहीं हुआ कि विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार और लूट का वीडियो वायरल हो गया। हलांकि कुलपति का  बयान आया है कि मामला संज्ञान में आया है सम्बन्धित मामले की जांच शुरू करा दी गयी है। लेकिन सवाल इस बात का है कि छात्र शोषण और धनोपार्जन वसूली का साहस कैसे विश्वविद्यालय का प्रोफेसर कर गया है। जन चर्चा समाज में फैली की वीसी शख्त है क्या यही शख्ती है यह एक बड़ा सवाल जरूर है।

यहां बता दे परीक्षा पुस्तिकाओ के कापी के मुल्यांकन हेतु बनाये गये सेन्टर के केन्द्राध्यक्ष विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर विनय कुमार वर्मा को बनाया गया है। वायरल वीडियो में वर्मा जी किसी छात्र से कापी में नम्बर बढ़ाने के नाम पर हजार दो हजार घूस की धनराशि मांगते हुए हिदायत दे रहे है कि वह किसी से बताये नहीं काम हो जायेगा। वायरल वीडियो में विश्वविद्यालय के कर्मचारी जगदम्बा मिश्रा का नाम लेते हुए कह रहे है कि हम छात्र को उनके पास भेजते है तो हजार दो हजार रूपए लेकर काम कर देते है। जाओ पैसा देदो और कहीं बोलना नहीं। 


वीडियो वायरल होते ही विश्वविद्यालय में हड़कंप की स्थित बन गयी। चर्चा शुरू हो गयी की पूर्व वीसी प्रो निर्मला एस मौर्य के जाते ही भ्रष्टाचार लूट खसोट का खेल प्रारम्भ हो गया है। छात्रो के इस शोषण के लिए लोग विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार मान रहे है। हलांकि इसके बाबत मीडिया के स्तर से कुलपति प्रोफेसर वन्दना सिंह से बात की गई तो उन्होने बिना किसी लाग-लपेट के कहा कि वीडियो संज्ञान में आया है मामले की जांच बैठा दी गई है और वर्मा को पटल से हटा दिया गया है। कार्यवाई चाहे जितनी कड़ी हुई लेकिन सवाल इस बात का है कि छात्र शोषण का साहस कैसे कर्मचारी उपरोक्त को मिला है।

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