प्रयागराज के एस एस पी सत्यार्थ अनुरूद्ध के स्थानान्तरण को लेकर कांग्रेस ने खड़ा किया सवाल, सरकार कटघरे में


लखनऊ: प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रयागराज एसएसपी सत्यार्थ अनुरुद्ध पंकज को हटाए को लेकर कांग्रेस अब सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि यह सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, लेकिन गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। 69 हजार शिक्षक भर्ती की जांच कर रहे प्रयागराज के एसएसपी को हटाया जाना इस बात का प्रमाण है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार की नियत ठीक नहीं है। इस सरकार में शामिल कई बड़े चेहरे इस घोटाले के खिलाड़ी हैं। योगी आदित्यनाथ को डर था कि कहीं उन नेताओं का नाम न सामने आ जाये इसलिए अधिकारियों का तबादला किया जा रहा है।
यूपी कांग्रेस उपाध्यक्ष पंकज मलिक ने मंगलवार को कहा कि सरकार सच का गला घोंट रही है। गाजियाबाद के पुलिस अधिकारी ने पोस्टिंग-ट्रांसफर में व्याप्त लेन-देन पर सवाल उठाया तो वह दमन का शिकार बने। पीपीई किट घोटाले पर एक पत्रकार ने सवाल उठा दिया तो पुलिस उन्हें प्रताड़ित करने लगी। केजीएमयू मेडिकल कॉलेज में सवाल उठा वहां भी सरकार का रैवया दमनकारी रहा।
अभी एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने कोरोना टेस्टिंग की मांग की तो उनपर एफआईआर किया गया। उन्होंने कहा कि अब भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रयागराज एसएसपी को हटाया गया। सुनने में आ रहा है कि सरकार एसएसपी के कोरोनाग्रस्त होने का बहाना बना रही है लेकिन ऐसी कौन सी नियमावली है कि अगर कोई बीमार है तो उसे हटा दिया जाए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि सबसे ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि प्रयागराज में जिस वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लाया गया है। ये वही एसएसपी हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए अंधभक्तों के साथ थाली पीट रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचारियों के गिरोह से संचालित हो रही है। खुले आम युवाओं-नौजवानों के सपनों के हत्यारों को बचाने की साजिश रची गयी है। यह तबादला नहीं, बल्कि शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश है।

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