देश प्रदेश की हर बड़ी घटना में रही जौनपुर की संलिप्तता, अब शिक्षा विभाग के फर्जीवाड़े में मास्टर माइंड जौनपुरी निकला



जौनपुर । देश  प्रदेश की बड़ी घटनाओ भ्रष्टाचार, हत्या आदि हर घटनाओं में जौनपुर की संलिप्तता कोई नयी बात नहीं है । सन् 70 के दशक से जौनपुर देश की बड़ी घटनाओं का हिस्सा बनता रहा है। ताजा मामला शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा का प्रकाश में आया है जिसमें जौनपुर के व्यक्ति के नाम का खुलासा करते हुए एस टी एफ की पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने वाले मास्टर माइंड को गिरफ्तार कर लिया है। 
प्रदेश में कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय में फर्जीवाड़ा करते हुए अनामिका शुक्ला के नाम से 25 जिलों में नौकरी करते हुए सरकारी खजाने से बेतन आहरित किया जा रहा था। पोल खुलते ही प्रदेश में विभाग के अन्दर खलबली मच गई। मामले की जांच एस टी एफ को सौंप दी गयी। एस टी एफ ने फर्जीवाड़े में जितने लोगों की संलिप्तता पाया उसमें जौनपुर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सेवारत बाबू आनन्द सिंह का नाम प्रकाश में आते ही 15 जून  सोमवार को आनन्द सिंह को पुलिस ने पालिटेकनिक चौराहा के पास से उठा लिया है। 
यह एक बड़ा जालसाजी गिरोह है जो फर्जी प्रमाण पत्र बना कर सरकारी विभाग खास कर शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने का खेल करते हुए करोड़ो रूपये का धनार्जन किया है। एस टी एफ द्वारा पकड़े जाने पर आनन्द सिंह के ठाट बाट की पोल खुली। खबर है कि फर्जीवाड़े  से उसने अकूत धन कमाया तो कई असलहों का लाईसेंस लेकर शान से रहता था। हलांकि आनन्द सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अब सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया और इसकी पत्नी शोभा तिवारी से उसके सभी चार्ज हटा दिये गये है। आनंद के कार्यालय कक्ष को सील कर दिया गया है। इससे विभाग में हड़कंप मच गया है ।
इस जालसाज के साथ फरूखाबाद जनपद से बेसिक शिक्षा में सहायक अध्यापक पुष्पेन्द्र, एवं हरदोई जनपद के बेसिक शिक्षा कार्यालय का प्रधान लिपिक रामनाथ शामिल पाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन इस पूरे खेल का मास्टर माइंड आनन्द सिंह को बताया गया है। 
सूत्र की माने तो शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा करने वाले जालसाजी गिरोह में अभी कुछ और नामो का खुलासा हो सकता है क्योंकि अनामिका शुक्ला के बाद कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय में जौनपुर के मुफ्तीगंज में शिक्षक एवं आजमगढ़ पंवई में वार्डेन पद पर प्रीती यादव नाम से नौकरी कर सरकारी खजाने से सरकार को चुना लगाने का मामला प्रकाश में आया है। इसमें भी थाना कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। 
इस तरह सन् 70 से अब तक की देश प्रदेश की घटनाओं पर नजर डाली जाए तो जौनपुर का नाम जरूर आता है चाहे रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाने से लेकर परीक्षाओ में पास कराने के नाम पर बड़ा घपला करने का मामला हो। या फिर एन आर एच एम घोटाला का मामला रहा उसके तार जौनपुर से जुड़े रहे है तीन सीएमओ इस भ्रष्टाचार की सजा भुगत रहे है। रेलवे में प्रतिबंधित साफ्टवेयर बेचने के मामले में जौनपुर का नाम आगे रहा है। 
इसी तरह और भी जघन्य अपराधिक घटनाओं में जौनपुर के अपराधियों की संलिप्तता खास रही है इसके भी तमाम प्रमाण है। 

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