आज कैबिनेट की बैठक में श्रमिक सेवायोजन आयोग गठन को मिली मंजूरी

 


लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है। जिससे प्रदेश के श्रमिकों की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा पहले से ज्यादा सुदृढ़ होगी। इस फैसले से प्रदेश के अंदर ही श्रमिकों एवं कामगारों को कौशल विकास कर रोजगार के सुलभ अवसर उपलब्ध होगा, वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। कामगारों एवं श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के साथ उनके सर्वांगीण विकास में इस आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का मकसद निजी और गैरसरकारी क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर श्रमिकों और कामगारों को उनके हुनर के अनुसार अधिकाधिक रोजगार मुहैया कराना और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से तमाम गतिविधियां ठप हो गयीं। इसका सबसे अधिक असर श्रमिकों और कामगारों पर पड़ा।

सर्वाधिक आबादी होने के नाते इनमें सर्वाधिक संख्या उप्र के श्रमिकों की थी। यह प्रदेश के लिए सबसे बड़ी चुनौती भी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर इसके वर्ग के तात्कालिक हित के लिए कई कदम (1000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता, राशन किट, मनरेगा के तहत अधिकाधिक श्रम दिवसों का सृजन और दक्षता के अनुसार औद्योगिक इकाईयों में समायोजन आदि) उठाए गये।

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