पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के परिवार को आखिर घर में नजर बन्द क्यों किये गए
उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के द्वारा सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करना उनके लिये एक बड़ी मुसीबत अब बनती जा रही है। अमिताभ ठाकुर और उनकी अधिवक्ता पत्नी डॉ0 नूतन ठाकुर सीएम योगी के खिलाफ अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू न कर पाएं इसलिये उन दोनों की प्रस्तावित चुनावी यात्रा करने से रोका जा रहा है। सरकार के इशारे पर पुलिस ने आईपीएस अमिताभ ठाकुर के परिवार को घर में नजरबंद किया सरकार के इशारे पर लखनऊ पुलिस ने अमिताभ ठाकुर तथा उनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर को दुबारा उनके घर पर नज़रबंद कर लिया है। उन्हें पहले 21 अगस्त 2021 को सुबह 07.00 बजे एसीपी गोमतीनगर ने गोरखपुर में खतरा होने के नाम पर रोक लिया था। तथा उन्हें सपरिवार घर के सामने भारी पुलिसबल लगा कर नज़रबंद कर दिया था। यहां तक कि उन्हें मोर्निंग वॉक तक पर नहीं जाने दिया गया। इसके बाद 23 अगस्त की दोपहर पूरी पुलिस बल अचानक से चली गयी तथा इसके बाद से उन्हें कोई भी सुरक्षा नहीं दी गयी।
अमिताभ ठाकुर ने राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी अब अमिताभ द्वारा दुबारा 28 व 29 अगस्त को अयोध्या तथा गोरखपुर की यात्रा की प्लानिंग के साथ तथा नए राजनैतिक पार्टी बनाने की घोषणा के साथ ही उन्हें आज दुबारा गोमतीनगर पुलिस द्वारा सपरिवार नज़रबंद कर दिया गया है। अमिताभ की अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट पत्नी डॉ0 नूतन ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण तथा असंवैधानिक बताया है।
अधिवक्ता नूतन ठाकुर की तस्वीर
नूतन ठाकुर ने आगे कहा कि यह ऐसा लग रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को अपना सबसे बड़ा चुनावी विरोधी मानकर चल रहे हैं। तभी उन्हें चुनावी यात्राएं करने से रोकने के प्रयास के प्रति सीएम योगी आदित्यनाथ काफी गम्भीर दिखाई पड़ रहे हैं।
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