पूर्व सांसद धनंजय सिंह की मुश्किल बढ़ती जा रही है,नहीं हो सकी अपील पर सुनवाई, होली के बाद की मिली तारीख


जौनपुर। जौनपुर की दीवानी न्यायालय स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट एडीजे चतुर्थ शरद चन्द त्रिपाठी द्वारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल अपहरण और रंगदारी टैक्स मांगने के आरोप में सात साल की सजा पाने के बाद जेल की सलाखों में कैद बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती नजर आ रहीं हैं।हाईकोर्ट इलाहाबाद आज पूर्व सांसद धनंजय सिंह की अर्जी पर सुनवाई होनी थी लेकिन अधिक मुकदमा होने का हवाला देते हुए न्यायधीश ने सुनवाई के लिए तिथि आगे बढ़ा दिया है। अब होली के अवकाश के बाद ही सुनवाई संभव बतायी जा रही है।
बता दे पूर्व सांसद धनंजय सिंह की ओर से अपने खिलाफ लोअर कोर्ट से हुए फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करते हुए लोअर कोर्ट के द्वारा 06 मार्च 24 को दिए गए फैसले को स्थगित करने और जमानत पर रिहा करने के विन्दु पर याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी जिसमें आज 20 मार्च को तारीख मुकर्रर थी। लेकिन न्यायधीश ने अधिक मुकदमें का हवाला देकर मुकदमें अगली तिथि लगा दिया है।
यहां बता दें कि धनंजय सिंह लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे हुए थे लेकिन उनको धोखे में रखकर न्यायालय बुलाया गया और दोषी करार देते हुए सजा सुना दिया गया। जनपद में इस बात की चर्चा है कि धनंजय सिंह को मिली सजा के पीछे किसी बड़े राजनैतिक का हाथ होना माना जा रहा है। न्यायपालिका को माध्यम बनाते हुए जेल की सलाखो के पीछे डाल दिया गया है ताकि चुनाव से वंचित रखा जा सके।
लोकसभा के चुनाव में धनंजय सिंह को मैदान में होने की दशा में भाजपा को बड़े नुकसान की संभावना थी इसी वजह से उनके साथ राजनैतिक खेल होने की संभावना से जन मानस इनकार नहीं कर पा रहा है। धनंजय सिंह के समर्थक पूरी तरह से अस्वस्त थे कि आज 20 मार्च को धनंजय सिंह पुन: जेल से बाहर निकल कर जौनपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव का ताल ठोंकेगे लेकिन हाईकोर्ट के न्यायधीश द्वारा होलिकोत्सव के बाद की तिथि मुकर्रर करने से धनंजय सिंह के समर्थको में खासी मायूसी छाई नजर आयी है।
धनंजय सिंह की अपील हाईकोर्ट में जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में लगी है अगर न्यायधीश ने स्थगन आदेश नहीं दिया तो धनंजय सिंह के राजनैतिक जीवन के सफर का यही अन्त होने की मुहर लग सकती है। हां यदि स्थगन आदेश मिल गया तो चुनाव लड़ना भी तय माना जा रहा है। जेल से बाहर आने के बाद धनंजय सिंह को जनता की सिम्पैथी का जबरदस्त लाभ संभव है। लेकिन अभी तक की स्थिति उनके राजनैतिक जीवन पर विराम लगाती नजर आ रही है।

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