केन्द्रीय नेतृत्व भाजपा ने छोड़ा चिन्मयानंद का साथ

लखनऊ । पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद  की मुसीबत बढ़ गई है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के करीबी साधु-संत समाज की भी उनके प्रति हमदर्दी खत्म हो चुकी है। ऋषिकेश के एक प्रभावशाली स्वामी का कहना है कि स्वामी चिन्मयानंद निर्भीक हैं, हालांकि उनके आचरण को लेकर पहले भी शिकायतें रही हैं। उन्हें कई बार लोगों ने सचेत किया, अब उन्हें कानून का सामना करना ही होगा। सूत्रों का दावा है कि केंद्र सरकार और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से भी उन्हें कोई सहानुभूति नहीं मिल रही है। वहींं इस प्रकरण के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी असहज स्थिति में हैं।

वीडियो वायरल होने से बढ़ी मुश्किलें

पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद का वीडियो वायरल होने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक स्वामी चिन्मयानंद को लेकर विदेश से भी फोन आ रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री होने के चलते मामला थोड़ा अधिक हाई प्रोफाइल बन गया है। वह बताते हैं कि इस मामले में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को कुछ हिदायतें दी थीं। जिसके बाद से राज्य सरकार भी काफी संभलकर चल रही है। स्वामी का कहना है कि मामला अदालत की निगरानी में है, इसलिए इसमें लीपापोती की होने की गुंजाइश भी कम है।

कौन हैं स्वामी चिन्मयानंद

स्वामी चिन्मयानंद जौनपुर की मछलीशहर लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। राम मंदिर आंदोलन में स्वामी चिन्मयानंद ने गोरखपुर की गोरक्षा पीठ के महंत और पूर्व सांसद अवैद्यनाथ के साथ मिलकर बड़ी भूमिका निभाई है। जिसके चलते स्वामी चिन्मयानंद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी बहुत सम्मानित हैं। ऋषिकेश, हरिद्वार, अयोध्या समेत देशभर के साधु संत समाज में स्वामी चिन्मयानंद को इसी रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि उन्हें सांसद बनवाने में भी महंत अवैद्यनाथ की अहम भूमिका थी।स्वामी चिन्मयानंद ने शाहजहांपुर को अपनी कर्मभूमि बनाया है और यहां वे मुमुक्ष आश्रम के प्रमुख हैं। संत समाज में चर्चा तेज है कि उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा। हालांकि उनके मुमुक्ष आश्रम को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि यह ट्रस्ट के माध्यम से संचालित होता है और इसे लेकर आश्वासन मिल चुका है।

क्या हैं आरोप

स्वामी चिन्मयानंद एक लॉ कालेज के प्रबंधक और मालिक हैं। इसी कालेज की एक छात्रा ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। छात्रा के पिता और भाई चिन्मयानंद पर तमाम आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि छात्रा ने एसआईटी को एक पेन ड्राइव भी दी थी, जिसमें स्वामी की करतूत और चरित्र का पूरा प्रमाण है। पीड़ित छात्रा स्वामी चिन्मयानंद के प्रबंधन वाले कालेज में न केवल पढ़ती थी, बल्कि पार्ट टाइम नौकरी भी करती थी। पीड़िता कालेज के हास्टल में ही रहती थी और बताया जाता है कि कभी स्वामी चिन्मयानंद के काफी नजदीकी थी।

पहले भी लगे हैं आरोप

स्वामी चिन्मयानंद पर इस तरह का कोई पहला आरोप नहीं लगा है। पहले भी एक महिला ने इसी तरह के आरोप लगाए थे। इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मामला वापस ले लिया गया था। आरोप लगाने वाली इस महिला ने राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ अदालत की शरण ले रखी है।

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