कोरोना का कहर एक बार फिर न्यायालय पर हाईकोर्ट 09 अप्रैल तक हो गयी बन्द



कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट और इसकी लखनऊ खंडपीठ में आगामी पांच से नौ अप्रैल तक नियमित पीठ(रेगुलर बेंच) नहीं बैठेंगी। इस दौरान केवल महत्वपूर्ण (अर्जेंट) मामलों की सुनवाई के लिए विशेष पीठ बैठेंगी।
मुख्य न्यायाधीश  ने  हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी से विचार करने के बाद यह निर्णय लिया है। मुख्य न्यायाधीश के आदेश के अनुसार प्रयागराज व लखनऊ में कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए न्यायिक कार्य सामान्य रूप से करने के संदर्भ में एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी के साथ टेलीफोनिक मीटिंग में तय किया गया। इस आधार पर पांच से नौ अप्रैल तक रेगुलर बेंच नहीं बैठेंगी। इस अवधि में केवल आवश्यक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष बेंच बैठेंगी।
अपराधिक मामलों जमानत अर्जी,अरेस्ट स्टे, बंदी प्रत्यक्षीकरण आदि मामलों  की सुनवाई के लिए अर्जेंसी एप्लिकेशन फ्रेश व दाखिल हो चुके मामलों में देने की जरुरत नहीं है। वहीं सिविल के मामले में अर्जेंसी एप्लिकेशन की आवश्यकता है। अर्जेंसी एप्लिकेशन स्वीकार होने के बाद ही सिविल के मामले पीठ के समक्ष भेजे जाएंगे।हाईकोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के चैंबर नहीं खुलेंगे। परिसर में सभी के लिए फेस मास्क व फिजिकल दिस्टेंसिंग का पालन करने की अनिवार्यता रहेगी।
न्यायालय में एक समय में केवल छह अधिवक्ता उपस्थित रह सकेंगे। परिसर में जाने के लिए ई पास के माध्यम से अधिवक्ताओं को प्रवेश मिलेगा जिनका केस कोर्ट में लगा है।  न्यायमूर्तियों व अधिवक्ताओं के लिए निर्धारित परिधान में अगले आदेश तक छूट रहेगी। वादकारियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। एडवोकेट्स क्लर्क का भी प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।, इसके साथ गेट नंबर 1,6 व 7साद बंद रहेंगे। गेट नंबर 2 से न्यायमूर्तियों का प्रवेश व निकास रहेगा, गेट नंबर 3 से हाईकोर्ट के कर्मचारियों का प्रवेश, गेट नंबर 3 - ए अधिवक्ताओं जिनके पास ई कार्ड होगा उनका प्रवेश, गेट नंबर 3 बी व 4 से कर्मचारियों व अधिवक्ताओं का निकास का द्वार होगा। गेट नंबर 5 से हाईकोर्ट के कर्मचारियों व वकीलों का प्रवेश होगा।
गेट नंबर  8 से कर्मचारियों व का आना जाना होगा और गेट नंबर 9 से कर्मचारी व अधिवक्ताओं का आना जाना होगा पोर्ट नंबर 30 के पीछे के फ्रंट गेट व बैंक गेट से न्यायमूर्तियों  का प्रवेश व निकास द्वार होगा। इसके पूर्व ही हाईकोर्ट बार के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने भी चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर कोट व गाउन की अनिवार्यता स्थगित रखने, केवल उन्हीं वकीलों को परिसर में प्रवेश की अनुमति देने, जिनके मुकदमे लगे हों और परिसर का सेनेटाइजेशन कराने की आग्रह किया है।

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