टल सकती है नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना, 48 याचिकाएं दाखिल
नगरीय निकाय चुनाव के लिए नगर विकास विभाग की ओर से जारी अनंतिम आरक्षण के खिलाफ अब तक चार दर्जन (48) याचिकाएं इलाहाबाद उच्च न्यायालय और लखनऊ खंडपीठ में दायर हुई है। ऐसे में एक ओर जहां नगर विकास विभाग की मुश्किल बढ़ सकती है वहीं निकाय चुनाव की अधिसूचना आगे टलने के आसार है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बिजनौर, हाथरस, हापुड़, इलाहाबाद, एटा, मेरठ, आगरा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़ जिलों से कुल 12 याचिका दायर हुई है। जबकि लखनऊ खंडपीठ में विभिन्न जिलों से तीन दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर हुई है।
लखनऊ खंडपीठ में दायर याचिकाओं पर न्यायालय ने सरकार को तीन दिन में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी कुछ मामलों में रोक के आदेश दिए है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जब नगर पालिका अधिनियम में अध्यक्षों के आरक्षण को संशोधित कर 2012 एक्ट में प्रावधान दिया गया है तो 2017 के निकाय चुनाव में उसका पालन क्यों नहीं किया गया। उनका कहना है कि इससे आरक्षण चक्रानुक्रम के अनुसार निर्धारित नहीं हो रहा है। याचिका में महिलाओं के लिए निर्धारित आरक्षण पर भी आपत्ति जताई गई है।
फिलहाल राजनीतिक दलों, नगर विकास के अधिकारियों और निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों की निगाहें उच्च न्यायालय में 20 दिसंबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी है। 20 दिसंबर को उच्च न्यायालय में यदि सरकार के पक्ष में फैसला होता है तो निकाय चुनाव की अधिसूचना 22 से 24 दिसंबर के बीच जारी हो सकती है। यदि फैसला याचिकाकर्ताओं के पक्ष में होता है तो चुनाव की अधिसूचना करीब 15 से 20 दिन के लिए टल सकती है। निकाय चुनाव में तृतीय लिंग (किन्नर) के लिए पद आरक्षित नहीं करने को लेकर भी उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ में याचिका दायर की है।
 
   
   
   
  
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