हाईकोर्ट का सरकार से सवाल जिसके खिलाफ 77 आवमानना का है केस वह सेवा में बने रहने योग्य कैसे ? जानें मामला क्या है


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के विधि मंत्री को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। कोर्ट ने की गई कार्रवाई पर मुख्य सचिव से हलफनामा तलब किया है। इसके साथ ही पूछा है कि जिस अफसर के खिलाफ अवमानना के 77 मामले चल रहे हों, क्या वह सेवा में बने रहने के योग्य है? कोर्ट ने अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त को कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने आरपी वर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामला खंड शिक्षाधिकारियों के वेतनमान से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने दो फरवरी 2018 के आदेश में वेतनमान को 7500 रुपये किए जाने का आदेश पारित किया था, लेकिन अब तक वेतनमान नहीं मिला। इस पर खंड शिक्षाधिकारियों की ओर से अवमानना याचिका दाखिल की गई। कोर्ट में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने 10 जनवरी को हलफनामा दाखिल कर बताया कि मामले में विशेष अपील दाखिल है, जिसकी सुनवाई 11 जनवरी को होगी। अपील पर सुनवाई के बाद तीन सप्ताह के भीतर कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया जाएगा।
सुनवाई के दौरान प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए। उनकी ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि प्रकरण अपर मुख्य सचिव वित्त के समक्ष लंबित है। कोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए अतिरिक्त समय की मांग की। इस पर कोर्ट का कहना था कि इससे पूर्व की तारीख पर प्रमुख सचिव के हलफनामा के आधार पर सशर्त समय दिया गया था लेकिन कोई अनुपालन नहीं हुआ। याची के अधिवक्ता कुष्मांडी शाही ने कहा कि कोर्ट ने अगली सुनवाई 14 फरवरी को मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त को पेश होने का निर्देश दिया। इसके साथ ही प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को भी मौजूद रहने को कहा है।

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