पीयू में विकसित भारत 2047 में मातृशक्ति की भूमिका पर सम्मेलन का किया गया आयोजन
महिलाओं का नेतृत्व ही 2047 के विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा: प्रो0 शोभा गौंड
नारी शक्ति नवाचार और परिवर्तन की धुरी: कुलपति
जौनपुर। दिनांक 26 सितम्बर, 2025 को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के आर्यभट्ट सभागार रज्जू भैया संस्थान में कुलपति प्रो0 वंदना सिंह की अध्यक्षता में “मातृशक्ति एवं उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन” का आयोजन किया गया। सम्मेलन का मुख्य विषय “विकसित भारत 2047 में मातृशक्ति की भूमिका”।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि माँ विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय, मिर्जापुर की कुलपति प्रो0 शोभा गौड़ ने कहा कि नारी शक्ति केवल परंपराओं की संरक्षक ही नहीं, बल्कि नवाचार और परिवर्तन की प्रेरक भी है। विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद श्रीमती सीमा द्विवेदी जी उपस्थित रही और उन्होंने कहा कि जब महिलाएँ सशक्त और आत्मनिर्भर होंगी, तभी हमारा राष्ट्र वास्तविक अर्थों में समावेशी और विकसित बन सकेगा।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 का स्वप्ना तभी साकार होगा, जब मातृशक्ति राष्ट्र निर्माण में नेतृत्वकारी भूमिका निभाएगी। शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, उद्यमिता और सामाजिक सेवा—हर क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण विकसित भारत की आधारशिला है प्रस्तुत कर रही है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं चेयरमैन डॉ. शकुंतला आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, जौनपुर, डॉ0 शकुंतला यादव ने कहा कि मातृशक्ति केवल परिवार की धुरी नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति की सबसे मज़बूत आधारशिला है। डीजी रक्षक प्राइवेट लिमिटेड प्रयागराज की निदेशक एवं मुख्य वक्ता, डॉ. दीपिका सिंह ने कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को भारत की आर्थिक प्रगति की सबसे बड़ी ताकत बताया। अतिथियों ने एक स्वर में कहा कि मातृशक्ति केवल शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि सृजन, संवेदना और समृद्धि की आधारशिला है। विकसित भारत 2047 का स्वप्न नारी सशक्तिकरण और उद्यमिता विस्तार के बिना अधूरा है। डॉ. सरिता पाण्डेय, विभागाध्यक्ष स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग ,मेडिकल कॉलेज जौनपुर ने कहा कि महिलाओं को अवसर, संसाधन और प्रोत्साहन देकर उन्हें नेतृत्व की हर भूमिका में आगे लाना होगा। जब नारी आत्मनिर्भर और सशक्त होगी, तभी भारत सचमुच वैश्विक स्तर पर विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित हो सकेगा। साथ ही साथ श्रीमती मीना कुमारी देवी, जिला विकास अधिकारी जौनपुर ने भी अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर स्वयं सहायता समूह की 30 महिलाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
अतिथियों का स्वागत छात्र कल्याण अधिष्ठाता एवं रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार यादव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. अन्नू त्यागी ने किया। मंच का संचालन डा. मनोज कुमार पाण्डेय और डॉ. नीतेश जायसवाल ने किया। इस अवसर पर डॉ वनिता सिंह, डॉ सोनम झा, उपकुलसचिव बबीता, सहायक कुलसचिव श्रीमती सरिता यादव सहित विश्वविद्यालय की सभी महिला शिक्षिकाएँ, अधिकारी, शोधार्थी और छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं।
नारी शक्ति नवाचार और परिवर्तन की धुरी: कुलपति
जौनपुर। दिनांक 26 सितम्बर, 2025 को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के आर्यभट्ट सभागार रज्जू भैया संस्थान में कुलपति प्रो0 वंदना सिंह की अध्यक्षता में “मातृशक्ति एवं उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन” का आयोजन किया गया। सम्मेलन का मुख्य विषय “विकसित भारत 2047 में मातृशक्ति की भूमिका”।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि माँ विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय, मिर्जापुर की कुलपति प्रो0 शोभा गौड़ ने कहा कि नारी शक्ति केवल परंपराओं की संरक्षक ही नहीं, बल्कि नवाचार और परिवर्तन की प्रेरक भी है। विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद श्रीमती सीमा द्विवेदी जी उपस्थित रही और उन्होंने कहा कि जब महिलाएँ सशक्त और आत्मनिर्भर होंगी, तभी हमारा राष्ट्र वास्तविक अर्थों में समावेशी और विकसित बन सकेगा।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 का स्वप्ना तभी साकार होगा, जब मातृशक्ति राष्ट्र निर्माण में नेतृत्वकारी भूमिका निभाएगी। शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, उद्यमिता और सामाजिक सेवा—हर क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण विकसित भारत की आधारशिला है प्रस्तुत कर रही है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं चेयरमैन डॉ. शकुंतला आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, जौनपुर, डॉ0 शकुंतला यादव ने कहा कि मातृशक्ति केवल परिवार की धुरी नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति की सबसे मज़बूत आधारशिला है। डीजी रक्षक प्राइवेट लिमिटेड प्रयागराज की निदेशक एवं मुख्य वक्ता, डॉ. दीपिका सिंह ने कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को भारत की आर्थिक प्रगति की सबसे बड़ी ताकत बताया। अतिथियों ने एक स्वर में कहा कि मातृशक्ति केवल शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि सृजन, संवेदना और समृद्धि की आधारशिला है। विकसित भारत 2047 का स्वप्न नारी सशक्तिकरण और उद्यमिता विस्तार के बिना अधूरा है। डॉ. सरिता पाण्डेय, विभागाध्यक्ष स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग ,मेडिकल कॉलेज जौनपुर ने कहा कि महिलाओं को अवसर, संसाधन और प्रोत्साहन देकर उन्हें नेतृत्व की हर भूमिका में आगे लाना होगा। जब नारी आत्मनिर्भर और सशक्त होगी, तभी भारत सचमुच वैश्विक स्तर पर विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित हो सकेगा। साथ ही साथ श्रीमती मीना कुमारी देवी, जिला विकास अधिकारी जौनपुर ने भी अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर स्वयं सहायता समूह की 30 महिलाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
अतिथियों का स्वागत छात्र कल्याण अधिष्ठाता एवं रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार यादव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. अन्नू त्यागी ने किया। मंच का संचालन डा. मनोज कुमार पाण्डेय और डॉ. नीतेश जायसवाल ने किया। इस अवसर पर डॉ वनिता सिंह, डॉ सोनम झा, उपकुलसचिव बबीता, सहायक कुलसचिव श्रीमती सरिता यादव सहित विश्वविद्यालय की सभी महिला शिक्षिकाएँ, अधिकारी, शोधार्थी और छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं।
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