मदरसा चश्म-ए-हयात में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर छात्रों ने दी प्रेरक प्रस्तुतियां


जौनपुर। मदरसा चश्म-ए-हयात रेहटी त्रिलोचन में भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत कुरआन की तिलावत से हुई। इसके बाद विद्यार्थियों ने डॉ. कलाम के जीवन, विचारों और आदर्शों पर भाषण, कविता एवं निबंध प्रस्तुत किए, जिनसे वातावरण प्रेरणादायक हो उठा।

शिक्षक मोहम्मद शाहिद ने बच्चों को डॉ. कलाम के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम केवल महान वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि युवाओं के सच्चे मार्गदर्शक थे। प्रधानाचार्य गुफरान सज्जाद ने कहा कि डॉ. कलाम का जीवन संदेश देता है कि कठिन परिश्रम, अनुशासन और शिक्षा ही सफलता की कुंजी हैं।

कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों को राष्ट्र निर्माण की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर रुखसाद अहमद, बबली सिंह, मोहम्मद लुकमान, तौफीक अहमद, हयातुल्लाह, मोहम्मद जावेद सहित शिक्षकगण एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

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