मेडिकल कॉलेज जौनपुर में नवप्रवेशित छात्रों ने ली “कैडवर शपथ”
मानवता, करुणा और नैतिकता की सीख के साथ चिकित्सा शिक्षा का शुभारंभ
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीन रिसर्च प्रो. रूचिरा सेठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “कैडवर शपथ चिकित्सा शिक्षा का अत्यंत पवित्र और भावनात्मक क्षण होता है।” यह केवल शरीर रचना के अध्ययन की शुरुआत नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में मानवता, करुणा और नैतिकता के मूल्यों का संचार भी करती है। उन्होंने कहा कि शरीर दान करने वाला व्यक्ति चिकित्सा विद्यार्थियों का “प्रथम गुरु” होता है, जो मौन रहते हुए भी ज्ञान का अमूल्य मार्ग दिखाता है।
विभागाध्यक्ष प्रो. भारती यादव ने कहा कि कैडवर शपथ चिकित्सा शिक्षा की सबसे पवित्र परंपराओं में से एक है। यह विद्यार्थियों को अनुशासन, संवेदना और मानवीय मूल्यों का बोध कराती है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे शरीर दान करने वालों के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता और सम्मान का भाव सदैव बनाए रखें तथा अपने व्यावसायिक जीवन में एक संवेदनशील और नैतिक चिकित्सक बनें।
सहायक आचार्य डॉ. अर्चना और डॉ. प्रियंका सिंह ने कहा कि कैडवर प्रत्येक विद्यार्थी के लिए एक “मौन गुरु” है, जो उन्हें मानव शरीर की गहराइयों को समझने का अवसर देता है। शरीर दान करने वाले व्यक्ति का योगदान मानवता की सर्वोच्च मिसाल है।
इस अवसर पर डा. मतीन अहमद खान, डा. सैयद उस्मान, डा. दिग्वेश यादव सहित कर्मचारी पवन, जनमेजय, सतीश, मदन, रामअचल, बृजेश तथा नवप्रवेशित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
Comments
Post a Comment