जनपद में कोरोना के बढ़ते कहर का प्रभाव अपराध के साथ ही अर्थ व्यवस्था पर डालने लगा है असर



 जौनपुर।  जनपद में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सरकारी कार्यालयों से लेकर अब कल कारखानों में भी ताला बन्दी का कारण बनता जा रहा है। जन मानस भयभीत होकर घरों में दुबकने को मजबूर होती जा रही है तो उसके सामने रोटी की समस्या सुरसा की तरह मुँह फैलाये खड़ी नजर आ रही है। अब सरकारी स्तर से भूखों के लिये रोटी केम इन्तजामात नजर नहीं आ रहे है। इस तरह इसका असर अब अर्थ व्यवस्था पर पड़ने लगा है। 
यहाँ बतादे कि कोरोना संक्रमण के कारण मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर स्थित सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र में कोरोना संक्रमण ने अपना पांव पसारा तो वहां पर चल रही देश की जानी मानी औद्योगिक इकाई हांकिंस  मे ताला लग गया है। खबर है यहाँ पर कार्यरत एक दर्जन कर्मचारी कोरोना संक्रमण से संक्रमित पाये गये हैं। इसके बाद कर्मचारियों ने कम्पनी में ताला लगा दिया है। यही नहीं कोरोना ने सतहरिया के लगभग 27 फैक्ट्रियों में भी ताला बन्दी करा दिया है। लाक डाऊन के चलते लगभग दो माह तक कल कारखाने बन्द थे जब लाक डाऊन हटा तो औद्योगिक इकाईयां धीरे-धीरे अपने उत्पादन की ओर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो संक्रमण ने फिर जबर्दस्त रोक लगा दिया है। खबर है कि हाकिंस से जुड़ी लगभग 26 छोटी इकाइयों में दहशत है जिसके कारण वहां भी कर्मचारी फैक्ट्री छोड़ पलायन कर गये है। इस तरह इस संक्रमण ने जिले के औद्योगिक क्षेत्र को प्रभावित करते हुए अर्थ व्यवस्था पर प्रभावी असरकारी होने जा रहा है। 
इसके पहले कोरोना ने जिले की न्यायिक प्रक्रिया की गति को रोकने का काम किया जिसका परिणाम है कि दबंग गरीबों का जीना दूभर कर दिये हैं रोज अपराध बढ़ रहे है। कोरोना संक्रमण के चलते न्यायालय खुलने के बाद भी कोई काम नहीं कर रहे। मुकदमों की सुनवाई एक दम ठप सी हो गयी है। दीवानी न्यायालय में जैसे ही 6 लोग कोरोना से संक्रमित मिले हाहाकार मच गया। इसका असर यह है कि गरीब मारा जा रहा है क्योंकि दबंगो को पता है कि कोरोना के चलते न्यायिक प्रक्रिया थम गयी है।
इतना ही नहीं पुलिस विभाग भी कोरोना के कारण आम जनता से दूरी बना लिया है पुलिस अधीक्षक तो जनता से एक दम नहीं मिल रहे है। आफिस दोनों द्वार पर ताला लगा दिया गया है। जनता की दरखास्त एक बाक्स में ली जा रही है। थानों की पुलिस भी कोरोना के भय से थानों में दुबकी नजर आ रही है इसका असर दूसरी ओर यह भी है कि अपराधी  अपराध करने में जरा भी भयभीत नहीं है। चोरी हत्या बलात्कार जैसे संगीन अपराधों के साथ ही भू माफियाओद्वारा कमजोर लोगों की जमीनो पर जबरिया कब्जा कर लिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की यह स्थिति है कि वहां पर जाने में लोगों की रूहें कांपती है उपचार न होने से मरीज बेमौत मरने को मजबूर हैं। 
इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण से लगभग सभी विभाग के ताले भले खुल रहे है लेकिन जनता का कोई काम नहीं हो रहा है। इक्का दुक्का कर्मचारी नजर आ रहे हैं फाइलें अलमारियों में कैद पड़ी है।  कलेक्ट्रेट की सभी अदालतों में लगभग ताला बन्दी ही रह रही है। विकास भवन में अधिकारी पूर्ण रूप से नदारद है कर्मचारी कक्ष बन्द कर अन्दर रहने को मजबूर हैं। जनता का प्रवेश लगभग रोक दिया गया है। आज एआरटीओ कार्यालय का कर्मचारी कोरोना पाजिटिव पाया गया तो यहाँ भी ताला लगा दिया गया है अब एक सप्ताह तो कार्यालय बन्द रहेगा तो बाद आम जनता को प्रवेश पर रोक लग जायेगा। 
इस तरह हर तरफ कोरोना संक्रमण का दहशत समाया हुआ है लोग एक दूसरे से मिलने से परहेज करने लगे है सरकारी आंकड़े के अनुसार जिले में कोरोना संक्रमितो की संख्या 2500 पहुंच गयी है। सबसे दुःखद बात यह है कि अब तक 33 मरीजों की मौत हो गयी है। लगभग 1200 एक्टिव मरीजों का उपचार चल रहा है। सरकारी खबर के मुताबिक जनपद में 32 कोरोना संक्रमण से संक्रमित मरीज गलत नाम पता बता कर लापता हो गये है ।वह भी संक्रमण बढ़ाने का काम कर रहे हैं। 

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