गरीबी मानव अधिकारों के हनन का सबसे बड़ा कारण है - मो. फिरोज



जौनपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एम0 पी0 सिंह, की अनुमति से ‘‘मध्यस्थता हाल, ए0डी0आर0 भवन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण‘‘ में  राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मो0 फिरोज सिविल जज सी0डि0/प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा  प्राधिकरण ने बताया कि मानव अधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को दुनियां भर में मनाया जाता है। वर्ष 1948 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसम्बर को हर साल इसे मनाये जाने की घोषणा की गयी थी। जैसा कि हम जानते है कि गरीबी मानव अधिकारों के हनन का सबसे बड़ा कारण है, इसलिए गरीबी को खत्म कर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराए बिना मानव अधिकार के लिए लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है। मानव अधिकार का अर्थ उन मूल अधिकारों से है, जो सभी को समान रूप से जीवन जीने, स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और एक समान व्यवहार की प्राप्ति का अधिकार प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य बोलने की आजादी, आजादी और सुरक्षा का अधिकार, आर्थिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार, रंग, नस्ल, भाषा, धर्म के आधार पर समानता का अधिकार, कानून के सामने समानता का अधिकार, कानून के सामने अपना पक्ष रखने का अधिकार, अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है।
इस अवसर पर दिलीप कुमार सिंह एवं अवधेश पाण्डेय ने मानवाधिकार के कारण तथा उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा पैनल लाॅयर देवेन्द्र कुमार यादव ने महिलाओं को प्रदान की जाने वाली सहायता के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन मनोज कुमार वर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर पी0एल0वी0 गण, अधिवक्तागण एवं काफी संख्या में वादकारी उपस्थित रहे।

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