रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले चढ़े पुलिस के हत्थे, सरगना की तलाश जारी


रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को कैंट पुलिस ने एसटीएफ व आरपीएफ की मदद से दबोच लिया। गोरखपुर व लखनऊ के रहने वाले आरोपितों के कब्जे से फर्जी नियुक्ति पत्र, मेडिकल रिपोर्ट, रेलवे की कूट रचित उपस्थिति पंजिका, पांच फर्जी नियुक्ति पत्र, एक कार, सात मोबाइल फोन मिले। गिरोह का सरगना वाराणसी के वरुणा का रहने वाला है। जिसकी तलाश में एसटीएफ के साथ ही कैंट पुलिस छापेमारी कर रही है। पकड़े गए आरोपितों को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने के मामले में दोपहर बाद कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।

एसपी सिटी सोनम कुमार के अनुसार प्रभारी निरीक्षक कैंट सुधीर सिंह को सूचना मिली कि पूर्वोत्तर रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य वर्तमान समय गोरखपुर में है। एसटीएफ और आरपीएफ की मदद से घेराबंदी कर चार आरोपितों को थाना प्रभारी ने रेलवे म्यूजियम के पास दबोच लिया। जिनकी पहचान लखनऊ, मानकनगर के कन्नौसी निवासी नवीन सिंह, तारामंडल में परंपरा लान के पास रहने वाले नरेंद्र शुक्ला, गोला के लक्ष्मीपुर निवासी मनोज सिंह और रामगढ़ताल के रामपुर में कालीमंदिर के पास रहने वाले राकेश कुमार के रुप में हुई। वाराणसी, वरुणा के शिवपुरी कालोनी का रहने वाला नितेश कुमार गिरोह का सरगना है। पकड़े गए आरोपित दो साल से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे थे। रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी दिलाने के नाम यह गिरोह एक अभ्यर्थी से आठ लाख रुपये लेता था। गुरुवार को इन लोगों इन्होंने रेलवे म्यूजियम के पास कुछ लड़कों को ज्वाइनिंग लेटर देने के लिए बुलाया था।

फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य मनोज सिंह और नरेंद्र शुक्ल पहले भी जेल जा चुके हैं। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ कहां-कहां मुकदमा दर्ज है इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। सभी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई होगी।

वाराणसी में वरुणा क्षेत्र के शिवपुर में रहने वाले प्रमोद कुमार ने  कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने लिखा है कि मोहल्ले के रहने वाले नितेश कुमार ने तीन माह पहले गोरखपुर में आरोपितों से मुलाकात कराई थी। आठ लाख रुपये में ग्रुप डी की नौकरी दिलाने का झांसा देकर नवीन, नरेंद्र, मनोज और राकेश ने 1.50 लाख रुपये ले लिए। विगत मंगलवार को इन लोगों ने ज्वाइनिंग लेटर दिया जिसे लेकर वह रेलवे आफिस गए तो पता चला कि फर्जी है। प्रभारी निरीक्षक कैंट सुधीर सिंह ने बताया कि सर्विलांस की मदद से छानबीन करने पर पता चला कि जालसाजों ने गुरुवार को भी कई अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के लिए बुलाया है। इसी सूचना पर उन्हें दबोच लिया गया है। सरगना नितेश कुमार की तलाश चल रही है।

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