जौनपुर के इस परिवार ने ठंड से बचने के लिए जलाई अंगीठी जानें कैसे बनी काल, मासूम की मौत, तीन बेहोश
ठन्डक से बचने के लिए कमरे में जलाई गई अंगीठी के धुएं से दम घुटने से मासूम की मौत हो जाने से परिवार में कोहराम मच गया है। जबकि तीन लोग अचेत हो गए जिन्हें इलाज के लिए मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना बुधवार की रात जनपद वाराणसी स्थित रोहनिया थाना क्षेत्र के दरेखूं गांव में हुई। इससे पहले रविवार को भी एक परिवार अंगीठी के धुएं की चपेट में आने से काल के गाल में समा गया था। मूलरूप से जौनपुर के चंदवक का रहने वाला राहुल निषाद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दरेखूं गांव में सोमारू सिंह के मकान में किराए पर रहता है। पिकप चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता है
बुधवार की रात लोहे की कड़ाही में लकड़ी जलाकर तापने के बाद सभी सो गए। गुरुवार की सुबह आठ बजे पड़ोस के कमरे में रहने वाली महिला रिश्तेदार ने दरवाजा खटखटाया लेकिन कमरे से कोई आवाज नही आई। महिला ने मकान मालिक के साथ आसपास के लोगों सूचना दी। लोग दरवाजा तोड़कर कमरे में दाखिल हुए तो छोटा बेटा दो साल का डुग्गू, बड़ा बेटा पांच साल के अनुज के साथ ही राहुल व उसकी पत्नी रिंकी बेसुध बिस्तर पर पड़े थे। मकान मालिक ने एंबुलेंस और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे एंबुलेंस कर्मी ने देखा तो छोटे बच्चे की मौत हो चुकी थी, अन्य तीन की सांसें चल रही थीं। एंबुलेंस में आक्सीजन लगाकर तीनों को मंडलीय अस्पताल भेजा गया। घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मिली खबर के अनुसार राहुल के छोटे बेटे डुग्गू की तबीयत खराब थी। ठंड की चपेट में आने की वजह से उसे बुखार आ रहा था। बुधवार की रात इसकी जानकारी राहुल ने मकान मालिक को दी। उसने डाक्टर को दिखाने की सलाह दिया तो उसने ठंड का हवाला देते हुए सुबह जाने की बात कही थी लेकिन सुबह तो बेटे की आंख ही नहीं खुली।
राहुल ने छोटे बेटे को ठंड से बचाने के लिए रात में अंगीठी जलाई थी। उसका सोचना था कि आग की गर्मी उसे आराम मिलेगा और आराम से सो सकेगा। ठंडी हवा कमरे में ना आए इसलिए उसने सभी खिड़की दरवाजों को बंद कर दिया था। इससे अंगीठी से निकला जहरीली धुआं कमरे में भर गया। बेटे की मौत हो गई और अन्य अचेत हो गए। मकान मालिक के अनुसार कमरे में आग जलाकर काफी देर तक सभी तापते रहे और इसके बाद सो गए होंगे । कमरा बंद होने के कारण धुआं भर गया जिसके कारण दम घुटने से घटना हो गई।
अंगीठी जलाएं तो रखें ध्यान
अंगीठी को बंद कमरे में नहीं बल्कि खुली जगह पर जलाएं
कमरे में अंगीठी जलाते हैं तो खिड़की या दरवाजा खुला रखें
कमरे में अंगीठी जलाकर कभी भी नहीं सोयें
अंगीठी के आसपास किसी तरह के ज्वलनशील पदार्थ रखने से बचें
गीठी जलाते समय बाल्टी आदि में पानी भी अपने पास रखें
दम घुटने का एहसास हो तो कमरे से निकलकर तत्काल खुले स्थान पर जाएं
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