जौनपुर और लखनऊ की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा धनन्जय सिंह के खिलाफ छापा मारी का सच क्या है
जौनपुर। जनपद में पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिले के पूर्व सांसद एवं बाहूबली नेता धनन्जय सिंह के निजी आवास सहित खास लोगों के यहाँ लखनऊ एवं जौनपुर पुलिस द्वारा ताबड़तोड़ की गयी छापामारी इस समय जनपद में चर्चा का बिषय बनी हुई है। जनपद वासी सवाल करते हुए जानना चाहते हैं कि आखिर पंचायत चुनाव के दौरान पुलिसिया छापा मारी क्यों और कारण क्या है। हलांकि की पुलिस के अधिकारी इस छापा मारी के बाबत कुछ भी बोलने से परहेज करते रहे है।
यहाँ बतादे कि पूर्व सांसद एवं बाहूबली नेता धनन्जय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी 03 अप्रैल 21को जिस समय नामांकन कर रही थी उसी समय जौनपुर के एसपी सिटी के नेतृत्व में जौनपुर और लखनऊ की संयुक्त पुलिस टीम धनन्जय सिंह के शहरी आवास काली कुत्ती पर छापा मारी कर रही थी। इसके बाद पुलिस टीम पूर्व सांसद के ग्रामीण आवास बनसफा थाना क्षेत्र सिकरारा पर भीषण छापा मारी किया गया। फिर धनन्जय सिंह के खास साथी आशुतोष सिंह जमैथा के आवास पर पुलिस ने छापा मारी किया था। हलांकि धनन्जय सिंह कहीं भी नहीं मिले पुलिस खाली हाथ लौटने को मजबूर रही।
लखनऊ पुलिस के साथ छापा मारी से इतना तो संकेत मिला कि पुलिस के छापा मारी कार्यवाही के पीछे लखनऊ स्थित थाना विभूति खण्ड स्थित कठौता चौराहा पर जनपद मऊ के पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हत्या काण्ड में पुलिस ने मुख्य आरोपियों के बयान के आधार पर धनन्जय सिंह को आरोपी करार दिया है। साथ ही गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रूपये का इनाम घोषित किया है। मार्च के प्रथम सप्ताह में पुलिस ने इस हत्या काण्ड में आरोपित धनन्जय सिंह के गिरफ्तारी का अभियान तेज करते हुए छापा मारना शुरू किया तो धनन्जय सिंह जौनपुर के थाना खुटहन की एक घटना से सम्बंधित मामले में अपनी जमानत बेल बान्ड खारिज करा के जेल चले गये थे। जेल में लगभग 20 दिन से अधिक समय तक रहे इस दौरान पुलिस ने धनन्जय सिंह के खिलाफ वारन्ट बी का तामिला जेल में क्यों नहीं कराया यह एक गम्भीर एवं विचारणीय सवाल खड़ा होता है। जेल से बाहर आते ही फिर छापा मारी शुरू कर दी जाती है। पुलिस के इस खेल को जनता जानना चाह रही है कि आखिर सच क्या है।
यहाँ एक बात यह भी बताना जरूरी है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का पद आरक्षण के दौरान सामान्य महिला हो गया है। धनन्जय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी सिकरारा के वार्ड संख्या 45 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहीं हैं। पत्नी के जरिए धनन्जय सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करने की फिराक में है और सत्ता पक्ष भी इस बार ऐन केन प्रकारेण जौनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने के लिए ब्यग्र एवं ब्याकुल है। लेकिन यदि धनन्जय सिंह स्वतंत्रत रूप से बाहर रहे तो सत्ता धारी दल का सपना चकनाचूर हो सकने की प्रबल संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
जो भी हो लेकिन पुलिस की धनन्जय सिंह के प्रति शख्ती अब इन्ही दोनों मुद्दों को लेकर चर्चा का बिषय बनी हुई है। जनपद वासी सच को पर्दे से बाहर किये जाने की अपेक्षा करते हुए छापा मारी के सच को जानने के लिए ब्यग्र नजर आ रहे है। परिणाम जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि धनन्जय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने के पश्चात अध्यक्ष की कुर्सी के लिए दावा जरूर ठोंक सकती है।
Comments
Post a Comment