सुगन्धित पदार्थो में लेमनग्रास, तुलसी चमेली के तेल हेतु इसकी खेती है लाभप्रद: विनय शुक्ला


 
जौनपुर की धरती को हरियाली में बदल देंगे : कुलपति
 
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में आज कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र, महिला अध्ययन केंद्र, राष्ट्रीय सेवा योजना तथा फ्रेगरेंस फ्लेवर डेवलपमेंट सेण्टर  (एफएफडीसी) के संयुक्त तत्वावधान में आओ कौशल बढ़ाएं, उद्यमी बनाएं और रोजगार दिलाएं विषय पर एक अभिप्रेरणा कार्यक्रम आयोजित किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि एफएफडीसी के निदेशक शक्ति विनय शुक्ला ने सुगंध एवं स्वाद उद्योग के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए फैशन के कारण यह उद्योग आगे बढ़ा। खाद्य तथा अन्य सुगंधित पदार्थों में इन पेड़ पौधों के तेल का उपयोग होता है। उन तेलों की कीमत सोने से भी अधिक होती है। साबुन में खुशबू या लेप में महक आदि के लिए इसी प्रकार के पेड़ पौधों का उपयोग किया जाता है। लेमन ग्रास, तुलसी, गुलाब, चमेली आदि की खेती काफी लाभप्रद होती है। किसानों को इसकी सही जानकारी न होने के कारण वह लोग इस प्रकार की उपज पैदा नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि सरकार से इस प्रकार की योजनाओं का प्रोजेक्ट विश्वविद्यालय को लाना चाहिए। 
विश्वविद्यालय की कुलपति ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यह बड़ा ही गौरव का विषय है कि आज कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र तथा महिला अध्ययन केंद्र के सहयोग से हम लोग एफएफडीसी के साथ कार्य करते हुए समाज को कौशल एवं रोजगार से जोड़ने में आगे बढ़ सकेंगे । हमें डर-डर कर कार्य नहीं करना है क्योंकि जिसके इरादे नेक और बड़े होते हैं वह अपने कार्यों को अंजाम तक पहुंचा देते हैं । हमें जौनपुर की औसत धरती को हरियाली में बदल देना है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और उद्योगपति अतुल अग्रवाल ने कहा  कि इत्र की खेती में बहुत बड़ा लाभ प्राप्त होता है परंतु आवश्यकता के अनुरूप तकनीकी ज्ञान के अभाव में हम लोग उसका उत्पादन नहीं कर पाते ।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, महिला अध्ययन केंद्र प्रभारी डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, अतिथि एस के यादव, उद्योगपति ओम प्रकाश जायसवाल ने भी विचार व्यक्त किए। नोडल अधिकारी कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र डॉ राज कुमार द्वारा धन्यवाद और संचालन डॉक्टर नितेश जायसवाल द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत कुलसचिव  महेंद्र कुमार द्वारा किया गया अतिथियों का परिचय तथा कार्यक्रम की संयुक्त रूप रेखा के बारे में समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ राकेश कुमार यादव द्वारा बताया गया । इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. रामनारायण, प्रो. वंदना राय, डॉ मनोज मिश्र, डॉ मनीष कुमार गुप्ता, डॉ अनुराग मिश्र, डॉ संजीव गंगवार, प्रो. देवराज, डॉ मंगलप्रसाद यादव, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ गिरधर मिश्रा, सौरभ सिंह, उप कुलसचिव वीरेंद्र कुमार मौर्य, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, दीपक कुमार सिंह, बबीता सिंह तथा कुलपति के विशेष कार्य अधिकारी डॉ के एस तोमर तथा लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, अवधेश सिंह एवं आसपास के ग्रामीणों एवं महिलाओं ने भाग लिया।

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