आइए जानते है गोदान एक्सप्रेस कैसे बर्निंग ट्रेन होते होते बची, किसकी थी लापरवाही


जौनपुर।षउत्तर रेलवे के जंघई-वाराणसी रेल खंड पर गोदान एक्सप्रेस गेटमैन की सक्रियता के कारण बर्निंग ट्रेन बनने से बच गई। ट्रेन को पहले गेट संख्या 43सी और उसके बाद सुरियावां स्टेशन पर रोककर प्रेशर ब्रेक को ठंडा किया गया। इसके बाद ही लगभग ट्रेन एक घंटे विलंब से गोरखपुर के लिए रवाना की जा सकी। ट्रेन से धुआं निकलने की जानकारी होने पर यात्रियों में भगदड़ की स्थिति बनी रही। 
गोदान एक्सप्रेस शाहगंज-वाराणसी रेल खंड की ट्रेन है। रेल खंड पर आधुनिकीकरण कार्य जारी रहने से इन दिनों ट्रेन को डायवर्ट रेल खंड जंघई-वाराणसी से परिचालन कराया जा रहा है। डाउन ट्रेन नंबर 11055 लोकमान्य तिलक वाया गोरखपुर जैसे ही सुरियावां स्टेशन के गेट संख्या 43सी पर पहुंची।
तभी गेटमैन शुभम कन्नौजिया की नजर इंजन से चौथे डिब्बा एस-2 के पीछे पड़ी तो तेज गति से धुआं निकल रहा था। चालक दल को संकेत मिलने पर ट्रेन को रोक दिया गया और यात्री जल्दी-जल्दी नीचे उतरने लगे। कुछ देर बाद चालक दल ने किसी तरह ट्रेन को सुरियावां स्टेशन पर खड़ी किया।
स्टेशन अधीक्षक वीसी पंकज ने बताया कि सूचना पर फायर ब्रिगेड दल ने पहले धुआं को बंद किया। जांच में यह सामने आया कि प्रेशर ब्रेक के सट जाने से धुआं निकल रहा है। सुबह 11.26 बजे से खड़ी हुई ट्रेन का प्रेशर ब्रेक ठंडा होने पर 12.24 बजे गोरखपुर की ओर रवाना हो सकी।

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