सामूहिक हत्याकांड को लेकर डीजीपी हुए शख्त,लापरवाही पर एसपी से मांगा स्पष्टीकरण, जांच एसटीएफ के हवाले


जनपद सीतापुर के पल्हापुर सामूहिक हत्याकांड में डीजीपी ने एसपी सीतापुर से स्पष्टीकरण तलब किया है। पूरे प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। सूत्रों के अनुसार एसपी सीतापुर से पूरे मामले की विवेचना में शुरुआत से पुलिस की चूक पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। डीजीपी ने पूछा है कि आखिर इतने संवेदनशील मामले में पुलिस से कहां और क्यों चूक हुई।
पल्हापुर गांव में बीते शनिवार को छह लोगों की हत्या हुई। सूत्रों के अनुसार इसे आरोपी अजीत सिंह ने अंजाम दिया। आरोप है कि उसने अपने भाई का पूरा परिवार एक झटके में ही समाप्त कर दिया। अपनी मां को भी मौत के घाट उतार दिया। इस पूरे मामले में एसपी चक्रेश मिश्र ने शुरुआती जांच में महज चंद लम्हों में ही मृतक अनुराग को मानसिक विक्षिप्त बता दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि पूरा हत्याकांड अनुराग ने ही अंजाम दिया और फिर खुद को गोली मार ली। पुलिस ने यह भी बताया था कि अनुराग ने घटना से पहले शराब का सेवन किया था। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस की थ्योरी को गलत बता दिया।
हत्याकांड की जांच के लिए मंगलवार को एसटीएफ भी पहुंची। एएसपी अमित नागर ने मृतक अनुराग, मां सावित्री, पत्नी प्रियंका और तीनों बच्चों के वजन के हिसाब से पुतले बनाकर पूरा घटनाक्रम दोहराया। 13 मई को भी एसओजी, फॉरेंसिक टीम व आईजी की क्राइम टीम ने क्राइम सीन दोहराया था। उस समय अजीत जांच में सहयोग नहीं कर रहा था। इसी वजह से मंगलवार को क्राइम सीन फिर से दोहराया गया। एसटीएफ ने कड़ी से कड़ी जोड़कर अजीत से सवाल किए।
एसटीएफ के एएसपी के साथ एसपी चक्रेश मिश्र भी गांव पहुंचे थे। उनके साथ भाई अनुराग सहित छह लोगों की हत्या का आरोपी बड़ा भाई अजीत भी था। अजीत जैसे-जैसे घटनाक्रम बताता गया, ठीक उसी तरह एसटीएफ ने घटनाक्रम को दोहराना शुरू किया। वहां मौजूद फॉरेंसिक टीम ने नाप-जोख करने के साथ वीडियोग्राफी कराई। इस दौरान तीनों बच्चों के वजन के बराबर पुतले बनाकर छत से फेंका गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की चोटों से इसका मिलान किया गया। इसके बाद अजीत व उसकी पत्नी विभा, ताऊ आरपी सिंह और तीनों बच्चों को अस्पताल पहुंचाने वाले पड़ोसी प्रभाकर सिंह को पुलिस टीम महमूदाबाद कोतवाली ले गई। वहां करीब दो घंटे तक सभी से पूछताछ चली।
जांच में एसटीएफ के शामिल होने के बाद सभी संदिग्धों से नए सिरे से पूछताछ की गई। इसी क्रम में छोड़े गए अनुराग के ताऊ आरपी सिंह को पुलिस ने मंगलवार को फिर हिरासत में ले लिया। अजीत, चचेरे भाई अशोक व अमित, पत्नी विभा व बच्चों को अस्पताल ले जाने वाले प्रभाकर सिंह, नौकर सर्वेश व विरेश से भी सख्ती शुरू की। प्रभाकर ने ही बताया था कि अजीत ने बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए गाड़ी की चाभी नहीं दी थी। इसपर पुलिस ने प्रभाकर और अजीत का आमना-सामना भी कराया।

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