ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और पुलिस की संयुक्त टीम ने एआरटीओ कार्यालय पर मारा छापा 08 दलाल गिरफ्तार



जौनपुर । जनपद के एआरटीओ कार्यालय में दलालों  के भरमार की शिकायत पर आज दिन में लगभग 12 बजे के आसपास ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ सदर एसडीएम हिमांशु नागपाल तथा सीओ सिटी जितेंद्र दुबे ने संयुक्त रूप से पुलिस बल के साथ एआरटीओ कार्यालय पर छापेमारी किया । जिसके चलते एआरटीओ कार्यालय और परिसर में हड़कंप मच गया। हलांकि 08 दलाल पकड़ कर थाना लाइन बाजार को भेजे गये है। 
यहां बता दे कि एआरटीओ कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की साठगांठ से वाहनो के लाइसेंस एवं डीएल बनवाने के लिए दलालों के माध्यम से उपभोक्तावाद से भारी धनोपार्जन का खेल किया जाता है। जिसमें कई सफेद पोज लोग भी शामिल है। इस खबर प्रशासन के शीर्ष अधिकारी को मिलने के बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल के द्वारा चन्द समय पहले लाइसेंस बनवाने का ग्राहक बन कर छापामारा गया था तब तीन दलाल पकड़े गये थे और उनके खिलाफ थाना लाइन बाजार में मुकदमा दर्ज कराया था। लगभग एक सप्ताह के अन्दर ही आज दूसरी बार पुलिस बल के साथ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल ने छापेमारी करते हुए  08 दलालों को हिरासत में लेते हुए थाना लाइन बाजार पुलिस को सौंप दिया और और आदेश दिया कि सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 151 के तहत कार्यवाई किया जाये ऐसा थाना लाइन बाजार पुलिस का कथन है।
सूत्र की मानें तो ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के द्वारा छापामारी के समय एआरटीओ कार्यालय पर पहुंचते ही पहले गेट को लाक कर दिया गया फिर कार्यालय के अन्दर तलाशी शुरू की गयी वहां पर एआरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों के साथ दलालों की भीड़ लगी हुई थी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और पुलिस को देखते ही बड़े दलाल तो भाग निकले इसके बाद भी 08 दलाल पकड़े गये है। खबर है कि पकड़े गये दलाल बाहर दुकान खोल कर आन लाइन पंजीयन का काम करना बताये जा रहे जिनका कहीं भी रजिस्ट्रेशन तक नहीं है एआरटीओ कार्यालय के बाबू की कृपा पर दलाली का काम कर रहे है।
यहां यह भी बता दें कि एआरटीओ कार्यालय में प्रतिदिन करीब 200 लर्निंग और करीब 36 परमानेन्ट डीएल लाइसेंस बनाने का स्लॉट हैं, जिसके कारण सुबह से ही लोग पहुंच जाते हैं। इनमें ज्यादातर लोग दूर दराज के होते हैं। वर्तमान समय में एआरटीओ कार्यालय  की स्थिति यह है कि यहां पर 2278 परमानेंट के लाइसेंस लंबित पड़े हैं। कार्यालय के पूंछताछ केंद्र पर कर्मचारी नहीं नजर आते है वहां भी बाहरी दलाल बैठ कर लोंगो को दलालो केपास भेजने का काम करते है। लाइसेंस बनवाने आने वाले ऐसी स्थिति में दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं, जो स्लॉट बुकिंग के बाद यहां तक दावा करते हैं कि उनकी डिमांड पूरी करने पर लाइसेंस आसानी से बनवा देंगे। हालांकि बात न बनने पर वह अपने रेट को कम भी कर लेते हैं। ऐसा करने वाले कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक को हिस्सा देने की बात कहते हुए लोगों को प्रतिदिन लूटते नजर आते है।
खबर यह भी है कि यदि कोई प्रक्रिया पूछने के लिए कार्यालय में जाता है तो कर्मचारी दुकानों पर भेज देते हैं, जहां संबंधित व्यक्ति के पास बिचौलिया आने लगते हैं, जो यहां तक बताते हैं कि दिनभर में 36 परमानेंट और 200 लर्निंग लाइसेंस ही बन पाएगा, जिसके कारण मजबूरी में लोग उनके चंगुल में फंस जाते हैं।





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