पहली घटना की जांच टीम का सदस्य निकला दूसरी घटना का प्रोफेसर एक सप्ताह के अन्दर दुष्कर्म की दो घटना टीडी कॉलेज सवालो के घेरे में

              दुष्कर्मी प्रोफेसर गण 

जौनपुर। जो टीडी पीजी कॉलेज कभी पूर्वांचल में शिक्षा और अनुसाशन के लिए सुर्खियों में रहा करता था आज शिक्षको के सेक्स और दुष्कर्म को लेकर चर्चाओ में चल रहा है। यहां एक बड़ा सवाल यह है क्या शिक्षा के इस मन्दिर की स्थापना इसी दिन के लिए महापुरुष स्व. तिलक धारी सिंह ने किया था। अभी तक तो इस कालेज के दो प्रोफेसर (शिक्षको) की गंदी करतूत ने कालेज की गरिमा को तार-तार कर दिया है। आखिर क्या अब इस कालेज में गुरू और शिष्य की पवित्र परम्परा को खत्म कर दिया गया है।अब इस कालेज के शिक्षक समाज के लोगो से छात्र और छात्राएं सुरक्षित नहीं रह सकेगी।
यहां बता दें कि बीते 26 मई को टीडी पीजी कॉलेज मे प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर प्रदीप कुमार सिंह का वीडियो वायरल हुआ जिसमें उनके द्वारा कालेज परिसर स्थित अपने कार्यकाल में एक छात्रा को अच्छा नम्बर दिलाने और प्रेटिकल में पास कराने का प्रलोभन देते हुए शारीरिक सम्बन्ध बनाने का दबाव बनाया जा रहा था।वीडियो वायरल होने के बाद प्रोफेसर और कालेज की थूथू होने लगी छात्र संगठन के लोग विरोध करने पर आये तो कालेज प्रशासन ने जरिए चौकी प्रभारी टीडी कॉलेज की तहरीर पर प्रोफेसर प्रदीप सिंह के उपर मुकदमा दर्ज हुआ और कालेज प्रबंधन ने प्रदीप सिंह को निलंबित करते हुए पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा, इस घटना की आग ठंन्डी भी नहीं हुई थी कि इस घटना की जांच कमेटी के सदस्य प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह हेड लाॅ कालेज ने 31 मई को एक मासूम बच्चे के साथ दुष्कर्म जेसा गंदा कुकृत्य कर दिया और अब जेल पहुंच गया है।
यहां बता दें कि पहली घटना कारित करने वाला प्रोफेसर प्राचीन इतिहास विभाग के हेड है तो दूसरी गन्दी घटना कारित करने वाला प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह टीडी लाॅ कालेज का हेड है। प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह के खिलाफ पीड़ित बच्चे की मां मुकदमा वादिनी सुषमा सिंह पत्नी बजरंग बहादुर सिंह मूल निवासी नारायणपुर बदलापुर जिला जौनपुर शहरी पता यूपी सिंह कालोनी थाना लाइन बाजार सत्येंद्र सिंह के मकान में किराएदार ने अपने तहरीर में कहा है कि संतोष कुमार सिंह उनके 12 वर्षीय पुत्र को ट्यूशन पढ़ाता था बच्चा को किताब लेने कमरे में भेजा बच्चा किताब लेने कमरे में गया तो कामान्ध प्रोफेसर संतोष सिंह भी कमरे में पहुंच कर दरवाजा बंद कर बच्चे के साथ जबरिया दुष्कर्म कर दिया। रोता बिलखता उसका बच्चा मां के पास पहुंच कर पूरी दास्तान बताया तो मां के पैरो तले जमीन ही खिसक गयी तत्काल मां सुषमा सिंह अपने पुत्र के साथ थाना लाइन बाजार पहुंच कर मुकदमा अपराध संख्या-264/23 धारा 377, 511, 506,342, समलैंगिक अपराध बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 धारा-7 व 8 भादवि के तहत पंजीकृत कराया पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के तुरंत बाद दविश दे कर कुकर्मी प्रोफेसर को गिरफ्तार भी कर लिया। खबर है कि गिरफ्तारी के बाद प्रोफेसर पुलिस जनों से गिड़गिड़ाता रहा कि गलती हो गई है हमे बचा लीजिए। 
घटना के दूसरे दिन यानी 01 जून को पुलिस बाल बलात्कारी प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में जेल की सलाखो के पीछे पहुंचा दिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाल बलात्कारी प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने वाले हबसी प्रोफेसर प्रदीप कुमार सिंह कान्ड के जांच टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे और खुद बच्चे के उपर हमला कर अपने वासना की आग बुझाने लगे अब जांच करने के बजाय जेल पहुंच गए है।
एक सप्ताह के अन्दर सेक्स स्कैंडल और दुष्कर्म को दो दो घटनाओ ने जहां टीडीपीजी कालेज पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है और उसकी गरिमा के चीथड़े चिन्दी चिन्दी कर उड़ गये वहीं पर इस शिक्षा के मंदिर के शिक्षा पर भी बड़ा कुप्रभाव पड़ा है। हर एक जनपद वासी पूरे शिक्षक समाज को लेकर चटकारे लगा रहा है। यहां यह भी बता दें कि कालेज प्रबंधन भी दोनो प्रोफेसरो के गन्दे कृत्य से दुखी और सकते में है उसके सामने बड़ा सवाल है कि आखिर कालेज की साख को कैसे बचाया और सुरक्षित रखा जाए। जो भी हो ताबड़तोड़ टीडीपीजी कॉलेज के प्रोफेसरो द्वारा घटित गन्दी घटनाओ ने छात्र और छात्राओ को खासा भयभीत करके रख दिया है। साथ ही गुरू शिष्य के पवित्र रिस्ते भी दागदार हो चला है। सवाल यह कि अभिभावक अब गुरूओ पर कैसे भरोसा और विश्वास कर सकेंगे। 

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