महिला जिस दिन डर को भगायेगी वह कुछ भी कर सकती है - फूल बासन बाई यादव

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र एवं अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय के द्वारा राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला आत्मनिर्भरता-एक सामाजिक चुनौती विषयक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन कुलपति प्रो.निर्मला एस. मौर्य जी की प्रेरणा से किया गया।
सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की प्रख्यात समाजसेविका पद्मश्री फूलबासन बाई यादव ने कहा कि माँ अद्भुत है उसने तो भगवान को भी जन्म दिया है। महिला का सबसे बड़ा दुश्मन डर है और जिस दिन उस डर को भगा देती है उस दिन वो कुछ भी कर सकती है। 
उन्होंने कहा कि मेरे पास ग़रीबी के अलावा कुछ नहीं था पूरा परिवार भूखे पेट रहता था ।इसलिए भगवान किसी को ग़रीबी न दें। उन्होंने कहा कि 13 वर्ष की उम्र में शादी हुई गाँव की बकरी चराने का काम करती थी। दो बेटा और बेटी की माँ बन गयी, मेरे बच्चे भूख के कारण खड़े नहीं हो पा रहे थे। जीवन को खत्म करने की सोचा लेकिन फिर हिम्मत जुटाई। 11 महिलाओं से शुरू हुआ स्वयं सहायता समूह आज फिर 2 लाख महिलाओं को जोड़ रखा है। यह सोसायटी अब कम्पनी है। 
उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूँ महिलाओं को आगे बढ़ना है तो सब महिलाओं को साथ आना होगा समूह बनाकर रोज़गार पैदा करना होगा तभी महिलाएँ आर्थिक सम्पन्न होंगी और समाज सम्पन्न होगा। काम की कमी नहीं है ।बस काम करने वाला चाहिए। सरकार किसी गरीब की सहायता कर सकती है उसे अमीर नहीं बना सकती। गरीब समूहों के माध्यम से आर्थिक सम्पन्न बन सकते है।
विशिष्ट अतिथि ब्लॉगर एवं यात्रा लेखिका डॉ. कायनात काजी ने कहा कि आज महिलाओं के सशक्तिकरण को देख कर बहुत सुखद अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि पद्मश्री फूलबासन यादव जी महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्रोत है।
अतिथियों का स्वागत अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अजय प्रताप सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने किया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, प्रभारी महिला अध्ययन केंद्र ने संचालन किया। डॉ. जान्हवी ने राष्ट्रीय महिला दिवस प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए सरोजनी नायडू जी को नमन किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर, प्रोफेसर बीडी शर्मा , प्रोफेसर देवराज,डॉ अन्नू त्यागी, डॉ गिरधर, डॉ धीरेंद्र चौधरी , डॉ मंगला यादव, डॉ पूजा सक्सेना , डॉ वनिता, डॉ जया शुक्ला, डॉ रेखा पाल, डॉ सोनम झा, डॉ अंजू रानी सिंह, डॉ पूनम श्रीवास्तव, डॉ मधुलिका, रोली,शुभी, मधुलिका श्रीमती संजू श्रीवास्तव,डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह,शशिकांत यादव, विभव सिंह समेत अन्य लोग शामिल हुए।

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