सरकार के दावे को जानें कैसे झूठा साबित कर रहे हैं अधिकारी, आकंठ भ्रष्टाचार की गोद में बेसिक शिक्षा विभाग

जौनपुर। प्रदेश की सरकार महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को लेकर चाहे जितने दावे करे लेकिन सरकार के अधीन भ्रष्ट एवं घूसखोर अधिकारियों के कारनामे इस बात के संकेत देते हैं कि सरकार के दावों में कितना दम है और महिलाएं कितनी सुरक्षित होंगी। जी इसका जीता जागता उदाहरण है जनपद जौनपुर का प्राथमिक विभाग जिसके भ्रष्ट और घूसखोर अधिकारियों के चलते आज भी अपने साथ घटित घटना से पीड़ित शिक्षिका न्याय पाने के लिए भटक रही है लेकिन उसे अभी तक विभाग की ओर से न्याय नहीं मिल सका है पीड़िता अपने परिजनों को लेकर दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हो गयी है। सवाल यह है कि क्या सरकार के लोग पीड़िता को न्याय दिला सकते हैं।
जी हां हम बात कर रहे हैं जनपद जौनपुर के विकास खण्ड जलालपुर एवं थाना जलालपुर क्षेत्र स्थित करदहां प्राथमिक विद्यालय के एक घटना की जहां पर विगत 17 मार्च 22 को इस विद्यालय के दो शिक्षक और दो अन्य कर्मचारियों ने मिलकर एक महिला शिक्षिका को धोखा दे कर ठंडई के नाम पर उसमें नशीला पदार्थ मिला कर पिला दिया। जिससे बेहोश होने के बाद उसकी आबरू से खेल सके।महिला शिक्षिका नशा बढ़ते ही भागी और सौ मीटर जाते जाते बेहोश हो गयी। संयोग था कि वह महिला शिक्षा मित्र के पास पहुंच गयी थी। महिला शिक्षा मित्र ने शिक्षिका के परिवार को बुला लिया।परिजन पहले शिक्षिका का उपचार कराके उसकी जान बचाया। ट्रामा सेन्टर के चिकित्सक ने अपनी रिपोर्ट में हैवी प्वाइजनिंग बताया।
घटना के बाद पीड़िता लगातार शिक्षा विभाग के ब्लॉक सहित जिला स्तरीय अधिकारियों से अपने साथ घटित घटना का जिक्र करते हुए न्याय पाने के लिए गुहार लगा रही है लेकिन भ्रष्ट और घूसखोर अधिकारियों के चलते शिक्षिका आज तक न्याय पाने से वंचित है। आरोपी खुलेआम घूमते हुए शिक्षिका का मजाक उड़ा रहे है। खबर है कि ब्लाक के खण्ड शिक्षा अधिकारी और जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी दोनों आरोपी शिक्षकों से मोटी धनराशि प्राप्त कर अपनी जेब गरम करते हुए दोनों पुरुष आरोपी शिक्षकों को बचाने का हर जतन कर रहे हैं। यहां सबसे मजेदार बात यह भी है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी दोनों स्वजातीय है और आपस में मिल कर सरकार की मंशा पर चूना लगाने का काम कर रहे हैं।
यहां यह भी बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एक मुलाकात में न्यूज ट्रैक से बताया भी कि महिला शिक्षिका के साथ अन्याय हुआ है लेकिन खण्ड शिक्षा अधिकारी ने आरोपी शिक्षकों को बचाने का काम किया है।जो एक अपराध है लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खण्ड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया। बल्कि उसे बचाने का काम कर रहे हैं। शिक्षिका न्याय पाने के लिए भटक रही है घटना के तीन माह बीत जाने के बाद भी आज तक पीड़िता को न तो न्याय मिला न ही आरोपी शिक्षक सजा पा सके कि सरकार के दावे पर अमल किया जाना माना जा सकें।
इस घटना के बाबत आई जी वाराणसी के आदेश पर मुकदमा अपराध संख्या 127/22 धारा 328, 506, 120बी आईपीसी के तहत मुकदमा थाना जलालपुर में दर्ज हो गया है। पुलिस विवेचना भी कर रही है फिर भी बेसिक शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारी आरोपी शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई से परहेज़ किये हुए हैं। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि पीड़िता महिला शिक्षिका को न्याय मिलेगा अथवा मान लिया जाये कि महा भ्रष्ट अधिकारियों के आगे सरकार का दावा झूठा और बेबुनियाद है।

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