यूपी में उप चुनाव से पहले आखिरकार सरकार को पिछड़े वर्ग की याद आ ही गयी, पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करते हुए राजेश वर्मा को बनाया अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश में उप चुनाव से पहले आखिरकार प्रदेश की सरकार को ओबीसी की याद आ ही गयी तभी तो अपनी सियासी गड़ित बैठाने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया और जनपद सीतापुर के पूर्व सांसद राजेश वर्मा को उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग का अध्यक्ष बना दिया है। मिर्जापुर के सोहन लाल श्रीमाली और रामपुर के सूर्य प्रकाश पाल को उपाध्यक्ष नामित कर दिया गया है। इसके अलावा 24 सदस्य भी बनाए गए हैं।
सदस्यो में चंदौली के सत्येंद्र कुमार बारी, सहारनपुर के मेलाराम पवार, कुशीनगर के फुल बदन कुशवाहा, मऊ के विनोद यादव, चंदौली के शिव मंगल बयार, कानपुर के अशोक सिंह व ऋचा राजपूत, गोरखपुर के चिरंजीवी चौरसिया, रवींद्र मणि व आरडी सिंह, झांसी के कुलदीप विश्वकर्मा, लखनऊ के लक्ष्मण सिंह, विनोद सिंह व रामशंकर साहू, गाजीपुर के डॉ. मुरहू राजभर, सुल्तानपुर के घनश्याम चौहान, महराजगंज के जनार्दन गुप्ता, जालौन के बाबा बालक, शामली के रमेश कश्यप व प्रमोद सैनी, सीतापुर के करुणा शंकर पटेल, कासगंज के महेंद्र सिंह राणा और प्रयागराज के राम कृष्ण सिंह पटेल को नामित किया गया है।
पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किए जाने के बाद पिछड़ा वर्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बयान जारी किया कि सरकार के इस फैसले से ओबीसी जातियों को काफी लाभ मिलेगा। हलांकि इनके बयान से एक बात यह साफ परिलक्षित हो रही है कि इसके पहले मंत्री जी पिछड़े वर्ग की चिन्ता नहीं थी।
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