चार दिन से भूखा पानी पीकर पढ़ाई करने वाले युवक ने रिवाल्वर से गोली मारकर कर ली आत्महत्या,जानें कहांनी


जनपद मिर्जापुर में थाना कोतवाली के देहात क्षेत्र के जमुनहियां स्थित किराए के मकान में रहकर पढ़ाई कर रहे छात्र ने तमंचे से सिर में गोली मार ली। सुबह छत पर उसके शव के पास ही तमंचा पड़ा था। मकान मालिक की सूचना पर पुलिस पहुंची। उसके कमरे से पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। डाग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम ने छत सहित उसके कमरे की छानबीन की गई। आत्महत्या से पहले युवक ने फेसबुक पर लाइव आकर दुनियां से चले जाने के बारे में भी कहा।
देहात कोतवाली क्षेत्र के खुटहां निवासी अजय यादव (20) पुत्र लक्ष्मी शंकर यादव पिछले चार वर्ष से जमुनहियां स्थित कड़े दीन यादव के मकान में किराए पर रह रहा था। मकान के ग्राउंड फ्लोर के कमरे में वह रहता था। वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के साथ बच्चों को कोचिंग भी पढ़ाता था। उसने केबी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की थी। सोमवार की सुबह जब एक बच्चा उसके कमरे पर गया तो मकान मालिक के पिता रामजतन ने मुख्य गेट का दरवाजा खोला। छात्र अजय के कमरे में गया तो वह नहीं था। इसके बाद लोग उसे खोजते हुए छत पर गए तो देखा कि उसका शव पड़ा है। उसके बाएं हाथ में तमंचा है। उसने तमंचे से सिर में गोली मारकर जान दे दिया था। मकान मालिक के पिता ने देहात कोतवाली पुलिस को सूचना दी। देहात कोतवाल विपिन सिंह मौके पर पहुंचे। इसके बाद एसपी सिटी श्रीकांत प्रजापति, सीओ सदर शैलेंद्र त्रिपाठी डाग स्क्वाड और फील्ड यूनिट के साथ मौके पर पहुंचकर छानबीन में जुट गए। युवक के कमरे की तलाशी ली गई। वहां पर पुलिस को सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने आत्महत्या के कारणों का जिक्र किया था। इसके अलावा युवक के फेसबुक आईडी पर दो से तीन वीडियो मिला। इसमें उसने अवसाद ग्रस्त, आर्थिक तंगी, अकेलापन का जिक्र किया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया।
तमंचे से गोली मारकर जान देने वाले अजय यादव के कमरे से सुसाइड नोट मिला है। कमरे में बोर्ड पर सूचना लिखी थी कि सुसाइड नोट टेबल पर है। इसमें लिखा कि वह जो कर रहा है अपने से कर रहा है। किसी के द्वारा कोई दबाव नहीं है। आर्थिक कारणों से परेशान हूं। न पढ़ पा रहा हूं न खा पा रहा हूं। तीन-चार दिन बीत जा रहा है। पानी पीकर पढ़ाई नहीं हो पा रही है। नौ वर्ष से घर से बाहर हूं। बताया कि उसके पास तो गन और गोली है। जो उसे मड़िहान से मिला। मड़िहान में एक शादी में गया था। लौटते समय रास्ते में एक बैग मिला, जिसमें गन और गोली थी। सोचा पुलिस को दूं, पर डर लगा कि पढ़ाई पर असर न पड़े इसलिए किसी को नहीं बताया। लिखा कि आज तक किसी के साथ गलत नहीं किया। पांच हजार किराया भी बाकी है। घर वाले दे देेंगे तो अच्छा होगा। मैं पढ़ाई और काम दोनों साथ नहीं कर पा रहा हूं। जीवन जीने के लिए सभी का एक साथ होना जरूरी है। नौ वर्ष से घर और लोगों का रिश्ता समझ नहीं पाया। बस अकेले घुट-घुट कर रोता रहा। पढ़ाई छोड़कर काम नहीं करना चाहता। पढ़ाई नहीं कर पा रहा हूं, इसलिए जा रहा हूं। सभी से अनुरोध है कि उसका शरीर उसके गांव में न जलाएं। जमुनहियां में जलाएं। इस बात को मान लें नहीं तो मरने के बाद भी उस गांव में घुटन होगी। 

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