साहब मै जिन्दा हूँ, जमीन हड़पने के लिए लेखपाल ने किसान को सरकारी अभिलेख में मृतक घोषित किया, जिम्मेदार है बेखबर
जौनपुर। शासन प्रशासन जन हित के चाहे जितने दावे करे लेकिन राजस्व विभाग के लेखपाल है कि ऐसा कृत्य कर देते है कि शासन प्रशासन के दावों की हवा ही फुस्स हो जाती है। जी हां जनपद जौनपुर के तहसील
बदलापुर से एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। लेखपाल ने सरकारी दस्तावेज में एक काश्तकार को मृतक घोषित कर दिया है। सरकारी दस्तावेज में मर चुके एक व्यक्ति ने अपने जीवित होने का प्रमाण अधिकारियों को दिखाते हुए कहा कि, ‘साहब मैं अभी जिंदा हूं। सरकारी दस्तावेज ने मुझे मार दिया गया है ।
यहां बता दें कि बदलापुर तहसील क्षेत्र स्थित महराजगंज ब्लॉक के भगवानपुर गांव निवासी वीरभद्र पुत्र श्रीधर उपाध्याय आज भी जीवित हैं। उनके नाम से ग्राम सभा में कुछ जमीन थी। उसे हड़पने के लिए पड़ोसियों ने तहसील के लेखपाल एवं कर्मचारियों की साजिश से वीरभद्र को मृतक दिखाकर खतौनी से नाम कटवा दिया। इसके बाद 17 जनवरी 2024 को खतौनी में मृतक वीरभद्र के स्थान पर शुभम उपाध्याय पुत्र विभव उपाध्याय के नाम बतौर वसीयतदार दर्ज कर दिया गया। इतना ही नहीं इसके बाद जमीन को गांव के ही किसी दूसरे व्यक्ति को बेच भी दी गई। अब पीड़ित वीरभद्र सरकारी चौखट पर एड़ियां रगड़ने को मजबूर है उसका कथन है कि ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और तहसील प्रशासन की आपसी मिलीभगत से मेरे विरोधियों से पैसा लेकर उसे सरकारी अभिलेखों में मृतक दिखा दिया। उसकी जमीन को शुभम उपाध्याय पुत्र विभव उपाध्याय के नाम कर दिया। न्याय के लिए पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से गुहार लगा रहा है लेकिन उसकी आवाज नक्कार खाने की तूती बनकर रह गयी है।
इस संदर्भ में एसडीएम बदलापुर से बात करने पर उनका जबाव रहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है अगर ऐसी कोई घटना सरकारी अभिलेख में दर्ज है तो न्यायिक प्रक्रिया के तहत अगर मेरे संज्ञान में लाई जायेगी तो जरूर विचार होगा। वहीं पर खण्ड विकास अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह का बयान आया है कि मामला संज्ञान में आया है। सभी प्रमाण पत्रों की जांच कराई जा रही है। जांच के उपरांत आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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