कोलकता में महिला डॉक्टर के साथ घटित घटना की लपट जौनपुर तक पहुंची, नहीं खुलक ओपीडी मरीज रहे हलकान


जौनपुर। कोलकता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ घटित घटना के विरोध की लपटे अब लगभग पूरे देश में पहुंच गई है। (आईएमए ) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वाहन पर आज शनिवार 17 अगस्त को पूरे देश सहित उत्तर प्रदेश के सभी जिलो में डॉक्टरों की हड़ताल का असर नजर आया। सभी सरकारी गैर सरकारी अस्पतालो में ओपीडी पूरी तरह से बन्द रही जिसके परिणाम स्वरूप मरीज इधर उधर भटकते नजर आये। 
आईएमए के सचिव डाॅ संजय सक्सेना के आवाह्न पर शनिवार सुबह 6 बजे से अगले दिन यानी रविवार सुबह 6 बजे तक इमरजेंसी को छोड़कर अन्य चिकित्सीय सेवाएं पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय हुआ था जिसके तहत चिकित्सक स्वास्थ्य सेवाओ को बन्द कर दिये थे।आईएमए की घोषणा के बाद जौनपुर में मेडिकल कॉलेज से लेकर सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालो में सुबह से ही ओपीडी में ताला लटकता नजर आया। मिली खबर के मुताबिक कुछ अस्पताल तो पूरी तरह से बन्द थे वहीं पर कुछ ऐसे भी चिकित्सक रहे जो आईएमए के डर से चोरी छिपे धनोपार्जन करते भी नजर आए है। इसके अलांवा जो चिकित्सक अथवा चिकित्सालय के लोग आईएमए के सदस्य नहीं है वह इस संगठन की आह्वाहन को न मानते हुए मरीजो की देखभाल करते नजर आए है।
इस संदर्भ में जौनपुर आईएमए के सचिव डाॅ ए के मौर्य से बात करने पर उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर संगठन ने कोलकता की घटना को लेकर 24 घन्टे तक ओपीडी बन्द रखने का आह्वान किया था इसी के क्रम में जनपद जौनपुर में आईएमए से जुड़े 170 चिकित्सक सदस्यो ने संगठन के निर्णय के तहत ओपीडी को सेवा बन्द रखा। डाॅ मौर्य ने बताया कि आईएमए से जुड़े लगभग एक सैकड़ा अस्पताल के तो ताले ही नही खुले। अब सरकार को चिकित्सको की सुरक्षा की गारंटी लेनी होगी। डाॅ मौर्य ने कोलकता की घटना की कड़े शब्दो में निन्दा किया और कहा कि अपराधी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। 

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