सवालः क्या ओम प्रकाश राजभर सपा को झटका देकर भाजपा के साथ सरकार का हिस्सा बनेंगे? जानें पूरी कहांनी


यूपी विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में एक बार फिर बड़े उलट फेर की संभावना नजर आने लगी है। सपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने वाले ओम प्रकाश राजभर सपा के साथ धोखा कर भाजपा के साथ सरकार में जा सकते सरकार के गठन की प्रक्रिया के बीच मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सहयोगी दल सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दिल्ली में हुई मुलाकात ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को आधा घंटे से अधिक समय तक दिल्ली में हुई दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश भाजपा प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान और प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल भी मौजूद थें। कयास लगाए जा रहे हैं कि ओमप्रकाश राजभर प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।
बता दें पिछली भाजपा सरकार में सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर मंत्री थें। इसके पहले राजभर ने गठबन्धन के तहत 2017 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था पर उचित सम्मान न मिलने पर उन्होंने जब राज्य सरकार को कोसना शुरू किया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हे मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने कई छोटे दलों के लेकर भागीदारी संकल्प मोर्चा का भी गठन किया। यहीं नहीं उनकी ओवैसी भी दोस्ती हुई पर विधानसभा चुनाव के पहले ही इस दोस्ती का अंत हो गया। इस बीच अखिलेश यादव से बातचीत की और उनके साथ हो लिए। उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। चुनाव में उन्हे सफलता भी मिली पर सत्ता से दूर समाजवादी पार्टी से अब उनका मोह भंग होता दिख रहा है। ओमप्रकाश राजभर ने 2017 में सुभासपा ने चार सीटें जीती यहां यह बताना जरूरी है कि 2017 में सुभासपा ने चार सीटें जीती थीं।

वहीं इस बार अखिलेश यादव के साथ मिलकर 18 सीटों पर चुनाव लड़ा और छह में जीत हासिल की। यह बात अलग है कि ओपी राजभर अपने बेटे अरविंद को चुनाव नहीं जिता पाए। हालांकि, गाजीपुर और मऊ के साथ उनके दल ने आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, बस्ती, बलिया में सपा के सहयोग से काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हलांकि ओम प्रकाश राजभर जिसे अपनी सफलता मान कर गदगद है उसमें सपा का बड़ा वोट बैंक शामिल है। बसपा की तरह राजभर भी सपा के साथ दगा करने की तैयारी में नजर आने लगे है। हलांकि इनके कई विधायक सपा के कोटे वाले सदस्य है। क्या होगा अंजाम खुदा जानें। 

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