कोविड से लड़ने में ग्राफीन मैटेरियल सहायक: प्रो अविनाश
एडवांस फंक्शनल मैटेरियल पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ उद्घाटन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्थित रज्जू भैया संस्थान के नवीकरण ऊर्जा केंद्र द्वारा एडवांस फंक्शनल मैटेरियल एवं आप्टोइलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन शनिवार को देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ।
प्रथम दिन के उद्घाटन सत्र में सीएसआइआर भोपाल के निदेशक डॉ अविनाश चंद्र श्रीवास्तव ने नैनो मैटेरियल तथा इससे संबंधित अन्य पदार्थों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे ग्राफीन बेस्ड मैटेरियल कोरोना वायरस के डायग्नोस्टिक किट बनाने तथा पीपीपी की बनाने में सहायक हो सकता है। इससे महामारी से लड़ने में सहायता मिल सकती है।
फोटोवोल्टिक इंस्टीट्यूट, टेक्निकल यूनिवर्सिटी दरमस्तब, जर्मनी के निदेशक प्रोफ़ेसर माइकल सिलाबे ने कम लागत तथा उच्च क्षमता के सोलर सेल डिवाइसों के बारे में बताया। आईआईटी दिल्ली के प्रो. नीरज खरे ने स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में नैनोकंपोजिट मटेरियल के उपयोग के बारे में चर्चा की। पुणे विश्वविद्यालय के प्रो विलासराव तभाने ने सेमी कंडक्टर फोटोनिक डिवाइसेज के बारे में विस्तार से चर्चा की। कहां की इस डिवाइसेज की उपयोगिता वर्तमान समय में महत्वपूर्ण है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डॉ राजाराम यादव ने कहा कि फंक्शनल मटेरियल तथा आप्टोइलेक्ट्रिक डिवाइसेज का प्रयोग दिन पर दिन मानव जीवन में बढ़ रहा है। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से अपील की वह कोविड-19 से लड़ने में सहायक नैनोमटेरियल बेस्ट डिवाइसेज बनाने का प्रयास करें।
इस ऑनलाइन सम्मेलन में भारत तथा 16 अन्य देश के 800 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो देवराज सिंह ने अतिथियों, वैज्ञानिकों तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया । आयोजन के संयोजक डॉ धीरेंद्र चौधरी ने कांफ्रेंस की रूपरेखा के बारे में बताया जबकि सह संयोजक डॉ काजल डे ने धन्यवाद ज्ञापन किया । डॉ नितेश जायसवाल ने संगोष्ठी का संचालन किया। इस मौके पर संस्थान के शिक्षक डॉ प्रमोद यादव, डॉ गिरिधर मिश्रा, डॉ पुनीत धवन, डॉ सुजीत कुमार, डॉ अजीत सिंह व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे
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