पूर्व सांसद की रिहायी जनपद में बनी बहस का बिषय, आखिर क्या है पूरी कहानी



जौनपुर। पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनन्जय सिंह की फतेहगढ़ से रिहायी के बाद एक बार फिर से लखनऊ में पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्या कान्ड को लेकर पूर्व सांसद को अभिव्यक्त बनाये जाने और पुलिसिया इनाम आदि मुद्दों के लेकर बहस शुरू हो गयी है। सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ के अधीक्षक से बात करने पर उन्होंने साफ कहा कि जिसे केश में जमानत खारिज कराके धनन्जय सिंह जेल में दाखिल हुए थे उसी मे  पुनः जमानत मिली और कोर्ट का परवाना आया तो जेल से रिहायी कर दिया गया है। 
अब यहाँ सवाल इस बात का है कि विगत माह 06 जनवरी 21 को लखनऊ में जनपद मऊ के निवासी पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कान्ड में पुलिस ने चिकित्सक और शूटर के बयान पर पूर्व सांसद को अभियुक्त बनाया और गिरफ्तारी के लिये इनाम भी घोषित कर दिया। 
पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण धनन्जय सिंह ने जौनपुर के थाना खुटहन के एक मुकदमे की जमानत को खारिज करा के जेल चले गये। धनन्जय सिंह को जेल जाने के बाद लखनऊ कान्ड की विवेचना कर रही पुलिस ने अब तक वारंट का दाखिला क्यों नहीं कराया यह एक गम्भीर बिषय है। हालाकि पुलिस कमिश्नर लखनऊ इसे पुलिस की लापरवाही मान रहे हैं। आखिर जब पुलिस की लापरवाही है तो पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही क्या किया गया है। खबर यह है कि फतेहगढ़ जेल में परवाना पहुंचने और जमानत कराने तक का मामला इतना गोपनीय रहा है कि पुलिस को पूरी कारगुजारी की खबर तक नहीं लग सकी है और पुलिस है कि रोज अपने सक्रियता का दावा करती फिरती है। साथ ही यहाँ एक सवाल और क्या अजीत हत्या कान्ड को लेकर धनन्जय सिंह के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण नहीं था केवल मनगढ़ंत कहानी रच रही थी अथवा जान बूझ कर रिहायी में मददगार रही है यह जांच का बिषय है। 

Comments

Popular posts from this blog

धनंजय की जमानत के मामले में फैसला सुरक्षित, अगले सप्ताह आयेगा निर्णय

हाईस्कूल एवं इन्टर बोर्ड की परीक्षा परिणाम घोषित,जौनपुर के इन सात बच्चो ने टापर सूची में शामिल होकर लहराया परचम

आज दोपहर आएगा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट, परिणाम जारी होते ही बन जाएगा यह रिकॉर्ड