दुर्घटना के बाद अभी भी जिले में बिना लाईसेंस के चल रहा है पटाखा बनाने का धन्धा


जौनपुर। जनपद के तहसील मड़ियाहूं मुख्यालय पर स्थित मुहल्ला भंडरिया टोला के घनी बस्ती में विगत 30 अक्टूबर को पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट एवं एक किशोर की मौत के साथ छ: घायलों सहित मकान ध्वस्त होने की घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि आखिर किसके सह पर जनपद में बगैर लाईसेंस के ही पटाखा बनाने का कारोबार फल फूल रहा है। हलांकि जिम्मेदार अधिकारी इस बाबत चुप्पी भले ही साधे बैठे हुए है। लेकिन जन चर्चा है कि पटाखा बनाने का कारोबार बगैर पुलिस की सहमति से संभव नहीं है। हलांकि सुप्रिम कोर्ट ने बीते दिवस ग्रीन पटाखा बेचने की अनुमति दी तो जरूर लेकिन उसका अनुपालन इस जनपद में नहीं हो रहा है। 
यहां सरकारी आंकड़े के अनुसार जनपद में 159 पटाखा बेचने के स्थाई लाईसेंस है। जिसमे मड़ियाहूं में महज 14 लाईसेंस पटाखा बेचने के लिए दिये गये है। यहां एक बात और भी स्पष्ट करना है कि पूरे जनपद में एक भी लाईसेंस पटाखा बनाने के लिए किसी को नहीं दिया गया है। हां पटाखा बेचने के लिए जरूर लाईसेंस जारी है वह भी सरकारी अभिलेख में घनी बस्तियों से दूर दिखाया गया है। जब सच कुछ और ही है। 
सूत्र की माने तो जनपद मुख्यालय से लेकर तहसील स्तर पर मुख्यालयों पर घनी बस्तियों में पटाखा बनाने का कारोबार फल फूल रहा है। मड़ियाहूं तहसील पर हुए ब्लास्ट की घटना से सरकारी स्तर पर कुछ सक्रियता आयी है इसके बाद भी पुलिस जनों सह पर पटाखे बनाने का कारोबार चलने की खबर है। खबर तो यह भी है कि जनपद मुख्यालय के कुछ घनी बस्तियों में घटना के बाद भी रात को यह कारोबार चलाया जा रहा है। पुलिस को खबर है लेकिन वह बेखबर बनी हुई है।
दीपावली के अवसर पर तीन दिवस का अस्थाई लाइसेंस जारी किये जा रहे है वह भी खुले मैदान में बेचने का है इसका फायदा पटाखा व्यसायी उठाते हुए बस्तियों के आसपास भी बेचना शुरू कर दिये है। कटघरा एक पटाखा व्यवसायी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि जब पुलिस को महिना दिया जा रहा है तो उसे आना भी चाहिए। इसके एवज में जहां सुविधा होती है बेचा जा रहा है। 
खबर यह भी है कि मड़ियाहूं की घटना के बाद जिलाधिकारी ने अपने अधीनस्थ जनों को निर्देश निर्गत किया है कि सभी तहसील और मुख्यालय पर पटाखा के कारोबारियों की सूची तैयार कर रिपोर्ट दिया जाये कि कहां पर पटाखा बेचा जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद उन सभी पटाखा लाइसेंसो को नोटिस दे कर निरस्त करने की प्रक्रिया किया जाये। सूत्र यह भी बता रहे है कि प्रशासन की यह प्रक्रिया दीपवली के बाद शुरू होगी और घनी बस्ती वाले एवं मृतको के सभी लाईसेंस निरस्त कर दिया जायेगा। 
यहां बता दे कि बीते दिवस सुप्रिम कोर्ट ने केवल ग्रीन पटाखा बेचने की अनुमति तो दिया है लेकिन इस जनपद में सुप्रिम कोर्ट के आदेश पालन नहीं हो रहा है। जनपद मुख्यालय पर दो जगह पर सजी पटाखो की दुकानो पर ग्रीन पटाखा नजर नहीं आ रहे है। बिक्री की तो दूर की बात है। इलाके की पुलिस चुप्पी साधे हुए है। 

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