आखिर भ्रष्टाचार की जड़े कितनी गहरी है कि मंत्री विधायक और डीएम का शिकायती पत्र रद्दी की टोकरी में,अदना सा अधिकारी है सुरक्षित


जौनपुर। प्रदेश और देश की सरकारे भ्रष्टाचार को लेकर बड़े बड़े दावे करते हुए जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन सच तो यह है कि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की जड़े इतनी गहरी हो चुकी है कि सरकार के दावे पूरी तरह से फेल नजर आ रहे है और पूरा देश भ्रष्टाचारियों और भ्रष्टाचार की जद में आ चुका है। इसके उदाहरण तो बहुत है लेकिन एक उदाहरण जनपद जौनपुर से सामने आया है जो आज कल खासा चर्चा का बिषय बना है। आकंठ भ्रष्टाचार की आगोश में गोताखोरी कर रहे जिले के एक अधिकारी को यहां से हटाने के लिए सत्ता पक्ष के विधायक मंत्री और जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी तक शिकायती पत्र शासन को भेज रहे है। लेकिन इसके बाद भी भ्रष्टाचारी अधिकारी जिले में अंगद के पांव की तरह जमा हुआ है और प्रधानमंत्री के नाम से संचालित योजना पीएम आवास देने के नाम पर अपने दलालो के माध्यम से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों का शोषण धड़ल्ले कर रहा है।
जी हां  हम बात कर रहे है जनपद में तैनात पीओ डूडा की, यहां बता दें कि पीओ डूडा अनिल कुमार वर्मा मुलत: चकबन्दी विभाग के सहायक चकबन्दी अधिकारी है। इस विभाग में आन डेपुटेशन आये हुए है और विगत तीन वर्षो से जौनपुर के लोंगो का शोषण कर रहें है। इनके शोषण की खबरें तो कई बार जरिये मीडिया वायरल भी हो चुकी है। इन पर खुला आरोप है कि पीओ डूडा अपने अधीनस्थ कुछ संविदा के कर्मचारियों से पीएम आवास के लाभार्थियों से मोटी रकम वसूलते है।जब तक पैसा नहीं मिलता तब तक आवास स्वीकृत नहीं हो पाता है।
इनके कृत्यों से नाराज भाजपा बदलापुर के विधायक रमेश चन्द मिश्रा ने सबसे पहले 23 मई 22 को प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री को पत्र लिखकर शिकायत किया कि पीओ डूडा आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए है जिससे सरकार की छबि खराब हो रही है। ये मूलतः चकबन्दी विभाग के कर्मचारी है। इनका पद सहायक चकबन्दी अधिकारी है इनके कार्यकाल का तीन साल पूरा हो चुका है। इनको यहां से हटाकर इनके मूल विभाग में भेजा जाये। जनपद के दूसरे भाजपा विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री स्वतंत्र प्रभार ने भी मौखिक शिकायत पीओ डूडा के खिलाफ नगर विकास मंत्री से किया लेकिन शिकायत पर कोई कार्यवाई मंत्री ने नहीं किया तो फिर 31मई 22 को पुनः विधायक रमेश चन्द मिश्रा ने प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र दिया जिसपर मुख्यमंत्री के बिषेश सचिव ने प्रमुख सचिव नगर विकास को आदेश नियमानुसार कार्रवाई करने का 
इसी दौरान फिर विधायक का एक शिकायती पत्र शासन के पास पीओ डूडा अनिल कुमार वर्मा के खिलाफ गया कि वह आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए है और इनके भ्रष्टाचार के कारण विकास के कार्य प्रभावित हो रहे है। केन्द्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी पीएम आवास योजना लूट पाट का शिकार हो कर रह गयी है संविदा के कर्मचारियों द्वारा गरीबो का शोषण किया जा रहा है। जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की गयी। इधर विशेष सचिव मुख्यमंत्री के आदेश पर डीएम जौनपुर मनीष कुमार वर्मा ने सीआरओ (अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व)के जरिये जांच कराया और 30 जून 22 को विशेष सचिव को अपनी आख्या भेज दिया और कहा कि पीओ डूडा 10 मार्च 19 तीन साल से इस जिले में तैनात है इनका मूल विभाग चकबन्दी है। इन्हे नगरीय विकास विभाग से हटाकर इनके मूल विभाग में सहायक चकबन्दी अधिकारी के पद पर भेजा जाये। पूर्व में वर्ष 2021 में पीओ डूडा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा भी डीएम जौनपुर के द्वारा दर्ज कराया गया है।लेकिन वह भी ठन्डे बस्ते में चला गया है।
इसके बाद भी पीओ डूडा अनिल कुमार वर्मा का बाल बांका नहीं हुआ तो विधायक रमेश चन्द मिश्रा ने शिकायती पत्र राष्ट्रीय सचिव शहरक आजीविका मिशन को भेजा ।फिर 12 जुलाई 22 को रिमाइंडर पत्र प्रदेश शासन को सभी पत्रो का हवाला देते हुए भेजा लेकिन आज तक भ्रष्टाचारी पीओ डूडा को इस विभाग से शासन प्रशासन नहीं हटा सका है। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की जड़े कितनी गहरी है कि सत्ता पक्ष के मंत्री विधायक सहित जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी एक अदना से अधिकारी के खिलाफ पत्र भेज कर कार्यवाई की अपेक्षा कर रहे है और जिम्मेदार लोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। जन चर्चा यह है कि यह अधिकारी नगर विकास मंत्री का खासमखास है गरीबो का खून चूस कर खुद तो मोटा हो रहा है साथ ही अपने आका तक खून की बूदें पहुंचा रहा है जो गरीबो की चूसी खून से आह्लादित है। इसके बाद भी अगर पीएम और सीएम भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करते है तो कैसे विश्वास किया जा सकेगा यह एक बड़ा सवाल सत्ता सरकार के समक्ष खड़ा है।

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