माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग बोर्ड के अध्यक्ष की जल्द होगी नियुक्ति, जानें क्या है प्रक्रिया
नए शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इसके अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है। एक सप्ताह में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी होने और एक से डेढ़ माह में इनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज का परिसर नए आयोग का मुख्यालय होगा।
नए आयोग के अस्तित्व में आते ही सबसे पहले लंबित पड़ी शिक्षक भर्ती शुरू कराई जाएगी। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या-51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती प्रस्तावित है और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी)/प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर भर्ती होनी है। इन दाेनों भर्तियों के लिए अगस्त-2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए जहां 1.14 लाख आवेदन आए हैं, वहीं टीजीटी/पीजीटी भर्ती के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। नए आयोग के गठन के बाद अधूरी पड़ी भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलेगी। उच्च शिक्षा निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक नए आयोग का मुख्यालय उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के परिसर में बनाया जाएगा।
चयन बोर्ड से नए आयोग को भवन हस्तांतरित करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि नए आयोग में अध्यक्ष के एक पद और सदस्यों के 12 पदों पर नियुक्ति के लिए एक सप्ताह में विज्ञापन जारी करने की तैयारी है। आवेदन के लिए 21 से 25 दिनों का वक्त दिया जाएगा। इसके बाद सर्च कमेटी आवेदनों की छंटनी करेगी।
अध्यक्ष के एक पद के लिए पांच नाम और सदस्य के एक पद के लिए तीन नाम छांटे जाएंगे। यानी सदस्य के 12 पदों के लिए कुल 36 नाम छांटे जाएंगे। बाद में अध्यक्ष पद के लिए छांटे गए पांच में किसी एक को और सदस्य पद के लिए 36 में से 12 लोगाें को चयनित किया जाएगा। दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।
नए आयोग के अस्तित्व में आने से पहले उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों की सूचना मांगी जाएगी, ताकि नए आयोग के अस्तित्व में आते ही रिक्त पदों पर भर्ती के लिए नए आयोग को अधियाचन भेजा जाए। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है और जल्द ही महाविद्यालयों के प्राचार्यों और क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया जाएगा।
अशासकीय कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के सैकड़ों पद खाली पड़े हैं। नए आयोग के गठन का प्रस्ताव आने के बाद इन पदों की गणना नहीं कराई गई, क्योंकि इन पदों पर भर्ती अब नए आयोग को करनी है। अब तक उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के पास इस भर्ती की जिम्मेदारी थी। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को अब नए आयोग में समाहित किया जा रहा है।
Comments
Post a Comment