मछलीशहर (सु0) लोकसभा से चुनाव लड़ने वाले दावेदार जरिए पोस्टर क्षेत्र में नजर आने लगे,जानें किसकी क्या है सियासी हैसियत



जौनपुर। लोकसभा चुनाव का विगुल अभी भले नहीं बजा है लेकिन दावेदारो का प्रचार अभियान शुरू हो गया है। अपनी दावेदारी की ताल ठोंकने वाले सड़को के किनारे दीवारो पर अथवा सार्वजनिक स्थलो पर चिपके नजर आने लगे है तो बिजली के पोल और पेड़ो पर तथा होडिंग के सहारे हर जगह लटके दिखायी दे रहे है। किसके भाग्य में 2024 फलदायक होगा कहना कठिन है किसे पार्टियां चुनवी जंग में उतारेगी सब कुछ भविष्य के गर्भ में लेकिन दावेदार अपने आकाओ के भरोसे पोष्टरिंग करके अपना दावा ठोंक रहे है।
यहां बता दे कि जनपद जौनपुर में दो लोकसभा क्षेत्र है एक सामान्य है तो दूसरा मछलीशहर सुरक्षित लोक सभा है। हम मछलीशहर सुरक्षित लोक सभा की चर्चा करें तो इस संसदीय क्षेत्र में चार विधानसभाये मछलीशहर, मड़ियाहूँ, जफराबाद, केराकत सुरक्षित जौनपुर से है तो एक विधानसभा पिन्डरा वाराणसी की शामिल है। इस लोक सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी करने वालो में भाजपा के टिकट लेने वालो की एक लम्बी फेहरिस्त है।
वर्तमान समय में इस लोक सभा पर भाजपा का कब्जा है।यहां से शासन सत्ता और प्रशासन की कृपा से महज 181 वोट से विजय पत्र प्राप्त कर वीपी सरोज निवासी मुंगराबादशाहपुर सांसद है। इस तरह यह सिटिंग सांसद है और चुनाव लड़ने की दौड़ में सभी से आगे माने जा रहे है।हलांकि अपने वर्तमान कार्याकाल में कई विधान सभाओ में जनता को इनका दर्शन नहीं हुआ है। चुनाव में इनका क्या हश्र होगा सहज अनुमान लगाया जा सकता है। विगत चुनाव 2019 की बात करे तो उसमें भी इनको किसी तरह से शासन सत्ता के दबाव में जिला निर्वाचन अधिकारी ने जीत का प्रमाण पत्र पकड़ा दिया था जिस सच को पूरा जनपद जानता है।सपा बसपा गठबंधन के प्रत्याशी टी राम को कैसे हराया गया था। खैर वर्तमान में सिटिंग सांसद है और दावा ठोंक रहे है हलांकि भाजपा इन पर दांव लगायेगी दावे के साथ कहना कठिन है।
दूसरे दावेदारो में सबसे मजबूत नाम विद्या सागर सोनकर है जो वर्तमान समय में भाजपा के एमएलसी भी है। विद्या सागर सोनकर का लम्बा राजनैतिक जीवन भाजपा का झन्डा ऊंचा करने में व्यतीत हुआ है।भाजपा के कई महत्वपूर्ण पदो पर अपनी सफल जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके है जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश महामंत्री पद का दायित्व निभाते हुए भाजपा को मजबूत बनाने के लिए अपना सबकुछ लगा दिए थे। यूं कहा जाए कि वर्तमान में भाजपा के बड़े नेताओ में शुमार विद्या सागर सोनकर आज भी प्रदेश भर में भाजपा जिन्दाबाद करा रहे है। इनकी पकड़ राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर भाजपा के सभी दिग्गज नेताओ के पास तक है।श्री सोनकर एक बार सैदपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रह चुके है इनकी पकड़ भी पूरे क्षेत्र में और दावेदारो की अपेक्षाकृत अधिक मानी जा रही है। 
इसके साथ ही सपा को छोड़कर दल बदल करते हुए जगदीश सोनकर लोक सभा चुनाव लड़ने की तमन्ना लिए भाजपा के सदस्य बन गये है।हलांकि सपा में रहते हुए चार बार विधायक रहे और एक बार सरकार में मंत्री भी रहे है। जगदीश भी मछलीशहर सुरक्षित लोक सभा से चुनाव लड़ने के लिए एड़ी से चोटी तक जोर लगाये हुए है और संसदीय क्षेत्र में पोस्टर बैनर के जरिए दावा भी कर रहे है। यहां एक बात और भी बता दे कि इनको भाजपा ज्वाईन कराने वाले अब खुद ही राष्ट्रीय कमेटी से बाहर कर दिए गये है। सबसे बड़ी बात यह भी है कि अभी हाल ही में एक महिला की हत्या के आरोप में श्री सोनकर धारा 302 के मुजरिम भी बन गये है। मछलीशहर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र की जनता की शख्त नाराजगी के कारण सपा ने इन्हे 2022 में चुनाव नहीं लड़ाया तो नाराज हो कर भाजपा में चले गये यहां आते ही लोक सभा चुनाव के लिए टिकट पाने के लिए दावा ठोंक दिये है। हलांकि भाजपा कितना तवज्जो देगी यह तो भविष्य के गर्भ में है।
जगदीश सोनकर के साथ सपा को अलविदा कहने वाले सपा के पूर्व विधायक रहे गुलाब चन्द सरोज भी मछलीशहर सुरक्षित लोक सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पर्दे के पीछे से ताल ठोंक रहे है। इनकी सफलता को लेकर जन मानस में खासा चर्चा इस बात की है कि जो स्थिति है और दिग्गज दावेदार है उसमें गुलाब सरोज कितना टिक सकेंगे कहना कठिन है। भाजपा से केराकत के विधायक रहे दिनेश चौधरी  2022 में विधान सभा का चुनाव हारने के बाद अब लोक सभा में अपनी किस्मत आजमाने के लिए अपने राष्ट्रीय स्तर के आकाओ को पटाते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व तक अपनी दावेदारी की बात कर जरूर रहे है सफल होगे अथवा नहीं इसे तो राष्ट्रीय नेतृत्व ही जान सकता है।लेकिन पूरे संसदीय क्षेत्र में इनके भी पोस्टर बैनर नजर आ रहे है। 
इसके अलांवा भाजपा के टिकट पर विधान सभा का चुनाव लड़कर पराजित होने वाले नेता मेंही लाल गौतम और अनीता रावत भी जरिए पोस्टर अपनी दावेदारी का एहसास मछलीशहर सुरक्षित संसदीय क्षेत्र में करा रहे है।ये लोग कितने मजबूत होगे इसकी कल्पना करना कठिन है लेकिन जरिए पोस्टर जब तक टिकट घोषित नहीं होता है दोनो नेता दावेदार बने हुए है। हलांकि जब भी कोई चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होती है दोनो नेता सक्रिय दिखने लगते है चुनाव खत्म सक्रियता काफूर हो जाती है इनको समाज जनता से कोई खास सरोकार नहीं रहता है।
दूसरे मुख्य विपक्षी दल की बात करें सपा से केराकत के विधायक तुफानी सरोज जो इस क्षेत्र से सांसद भी रह चुके है अब अपनी पुत्री को सांसद बनाने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व के पास एड़ी से चोटी तक का जोर लगाये हुए है वहीं पर मछलीशहर सुरक्षित की विधायक डाॅ रागिनी सोनकर अपने पिता को इस संसदीय क्षेत्र से सांसद बनाने के लिए पूरी ताकत के साथ जुटी हुई है। सपा के मजबूत दावेदारो में दीपचंद राम का भी नाम है। हलांकि दीपचंद राम की बड़ी जबरदस्त पकड़ दलित समाज के बीच में है और भाजपा को हर एंगिल से कड़ी टक्कर दे सकते है। दावेदार तो है राष्ट्रीय नेतृत्व किसे चुनवी जंग में उतारेगा कहना कठिन है।

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