ज्ञानवापी: कड़ी सुरक्षा के बीच पूजा-पाठ शुरू, संत समाज से लेकर आम भक्तो ने किया दर्शन
ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में गुरुवार तड़के पूजन और आरती के बाद 12 बजे भी पूजा की गई। इसके बाद शाम चार बजे पूजा के लिए व्यासजी के तहखाने का गेट आलाधिकारियों की देखरेख में कड़ी सुरक्षा के बीच खोला गया। इस दौरान संत समाज के लोगों के साथ ही हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं व आम लोगों ने भी दर्शन- पूजन किया। कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में बाहर से दर्शन कर लोग काफी खुश दिखे। व्यासजी के तहखाने में दर्शन के लिए जाते हुए हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी कहते ने कहा हम दर्शन के लिए जा रहे हैं। बहुत अच्छा एहसास है।
व्यासजी के तहखाने में 30 साल एक महीने के बाद बुधवार की मध्यरात्रि से ही पूजा आरंभ हो गई। व्यास परिवार के साथ ही मंदिर के सेवादारों ने तहखाने की दीवारों और खंभों को सबसे पहले गंगाजल से धोया। इसके बाद 45 मिनट तक विधि-विधान से पूजा आरंभ हुई। तहखाने में भगवान गणेश, विष्णु, शिवलिंग और हनुमान जी के विग्रह के साथ रामशिला का नियमित पूजन होगा।
व्यासजी के तहखाने में प्रतिदिन पांच आरती होगी।
आरती का समय
मंगला- सुबह 3:30 बजे
भोग- दोपहर 12 बजे
अपरान्ह- शाम 4 बजे
सांयकाल- शाम 7 बजे
शयन- रात्रि 10:30 बजे
गुरुवार को भोर में बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के साथ ही व्यासजी के तहखाने में भी मंगला आरती हुई। इसके साथ ही अब रोजाना तहखाने में पांच आरती की जाएगी। व्यास परिवार के पं. जितेंद्रनाथ व्यास ने बताया कि बुधवार की रात वह तहखाने में सबसे पहले प्रवेश किए।
पूजा से पहले तहखाने की दीवारों, खंभों और दीवारों पर बनी आकृतियों को गंगाजल से धोकर शुद्ध किया गया। इसके बाद अक्षत और फूल छोड़कर पूजन का संकल्प हुआ। तहखाने में क्षतिग्रस्त मूर्तियों के साथ ही दीवारों पर बनी आकृतियों का पूजन हुआ। सबसे पहली पूजा भगवान गणेश की हुई। इसके बाद भगवान शिव, भगवान विष्णु, हनुमान जी के साथ ही रामशिला का पूजन हुआ। ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में श्रद्धालु बाहर से दर्शन-पूजन करते रहे। इस दौरान श्रद्धालुओं की खुशी देखने लायक रही। सभी खुशी से झूम रहे थे।ज्ञानवापी परिसर में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती भी पहुंचे। उन्होंने व्यासजी के तहखाने में पूजा को लेकर खुशी जाहिर किया।
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