शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025“विधानसभा में गूंजा गांवों का दर्द: आबादी, पुराने मकान और सड़कें मानचित्र में शामिल करने की बुलंद आवाज”
विधायक ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो लोग जमींदारी प्रथा के समय, वर्ष 1952 से पूर्व से गांव की आबादी में रह रहे हैं, उन्हें घरौंदी सहित मानचित्र में सम्मिलित किया जाना चाहिए, भले ही उनके मकान वर्तमान नक्शे में दर्ज न हों। इससे ऐसे परिवारों को बार-बार उत्पन्न होने वाली कानूनी और प्रशासनिक परेशानियों से राहत मिल सकेगी।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गांवों में कई पक्की और महत्वपूर्ण सड़कें बन चुकी हैं, लेकिन उनका उल्लेख अब तक राजस्व मानचित्र में नहीं किया गया है। विधायक ने मांग की कि इन सड़कों को भी मानचित्र में शामिल किया जाए, ताकि भविष्य में भूमि विवाद, विकास कार्यों में बाधा और आमजन को होने वाली असुविधा से बचा जा सके।
विधानसभा में इस जनसमस्यात्मक और दूरदर्शी मुद्दे को उठाए जाने पर क्षेत्रीय लोगों ने विधायक जगदीश नारायण राय की खुले दिल से सराहना की है और इसे ग्रामीण हितों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
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