विकास के नाम पर सरकार के अब तक कार्यकाल में स्थित शून्य रही


जौनपुर।  प्रदेश की वर्तमान योगी सरकार ने अपने लगभग तीन साल के कार्यकाल में ऐसा कोई भी विकास का काम नहीं किया जिसे  सरकार की उपलब्धियों में गिनाया जा सके।  विकास कार्य  भले ही नहीं हो सका है  सरकार की नीतियों के चलते छुट्टा आवारा पशुओं ने जिले के किसानों की कमर तोड़ कर रख दिया है। 
बतादे जनपद की विकास की सबसे बड़ी परियोजना राजकीय मेडिकल कॉलेज  जिसके बनने से जहां जनपद ही नहीं आस पास के जिलों के मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा मिलती वही पर हजारों बेरोजगारो को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकते थे  लेकिन  वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में मेडिकल कॉलेज के निर्माण हेतु बजट की कोई व्यवस्था ही नहीं किया जिसका परिणाम है कि पहले से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के निर्माण का काम पूरी तरह से ठप हो गया है । 
अभी बीते  14 मार्च 2020 को प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के बगल से एक कार्यक्रम में भाग लेने गये  लेकिन मेडिकल कॉलेज के निर्माण की प्रगति जानने देखने की जरूरत नहीं महसूस किया है। 
इसके अलावा पुल पुलिया की बात की जाए तो  जनपद मुख्यालय पर स्थित लुम्बिनी-दुद्धी मार्ग पर निकट सिटी स्टेशन पर एक फ्लाई ओवर ब्रिज विगत सात साल पहले से बनना शुरू हुआ आज तक पूरा नहीं हो सका है  सरकारी सूत्र बताते हैं कि इस फ्लाई ओवर में 75 प्रतिशत धनराशि प्रदेश सरकार को लगाना है । 25 प्रतिशत केन्द्र सरकार को बजट देना है।  वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में इसके लिए भी बजट की व्यवस्था नहीं किया कार्य आज भी अधूरा पड़ा है। 
इसके अलावा जिले के अन्दर लगभग 8 पुल ऐसे निर्माणाधीन है जो शहर को जाम की गम्भीर समस्या से निजात दिला सकते है प्रदेश सरकार द्वारा बजट की व्यवस्था नहीं किये जाने के कारण लगभग सभी पुलो के निर्माण का काम पूरी तरह से ठप हो गया है। 
जनपद के अन्दर औद्योगिक क्षेत्र  सतहरिया और त्रिलोचन महादेव है  सरकार की उदासीनता के चलते इस समय समस्याओं से जूझ रहा है पानी बिजली जर्जर  सड़कों सहित कच्चे माल की व्यवस्था के सरकार की उदासीनता से उद्यमी बेहद परेशान है । यही नहीं जनपद जौनपुर एतिहासिक जिला है यहाँ पर पर्यटक स्थल बनाये जाने की तमाम संभावनाये है  वर्तमान सरकार के ही शासन काल में  जब श्रीमती रीता बहुगुणा प्रदेश सरकार की पर्यटक मंत्री थी। उसी समय जौनपुर का नाम पर्यटन की वेवसाइट से हटा दिया गया।  अब यह जनपद पर्यटक स्थल  नहीं बन सकेगा।  पर्यटक स्थल बनाये जाने पर तमाम रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकते थे लेकिन वह भी क्षीण हो गया है। 
जिले की सड़के जर्जरा अवस्था में पहुंच गयी है  उनके मरम्मत के लिए सरकार के पास बजट नहीं है। पीडब्लूडी के अधिकारी हमेशा बजट का रोना रोते नजर आते है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के संदर्भ में  काम विधायकों की मर्जी पर होता है।  खुली कमीशन बाजी का खेल जिले में  40 से 50 प्रतिशत तक चल रहा है ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि कार्य की गुणवत्ता क्या है। 
हां  एक काम सरकार ने किया छुट्टा एवं आवारा पशुओं के संरक्षण की नीति बनायी जिले के लगभग सभी अधिकारी इसी में व्यस्त हो गये है।  इसके बावजूद छुट्टा आवारा पशु  किसानों की फसलों को बर्बाद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है।  सरकार इनके उपर सरकारी धन खर्च कर रही है लेकिन विकास के बजट नहीं है।  न ही एक  कोई काम हो सका है।  जनता आज भी समस्याओं और संकटों से जूझ रही है।

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