देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरो में वाराणसी और जौनपुर, जानें क्या है जन जीवन पर इसका कुप्रभाव
ठंडक के साथ ही बनारस की हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा फिर से बढ़ गई है। आज सायंकाल जारी आंकड़ों के अनुसार बनारस देश का तीसरा सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा है। पूर्वांचल के टॉप टेन प्रदूषित शहरों की सूची में प्रदेश के नौ शहर शामिल हैं। जौनपुर देश का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। जौनपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 325 और बनारस का एक्यूआई 282 दर्ज किया गया।
मौसम का पारा गिरने के साथ ही हवा में प्रदूषक तत्वों के कारण एक्यूआई फिर से खराब हो गया है। आईक्यू एयर की ओर से जारी आंकड़ाें के अनुसार बनारस 282 एक्यूआई के साथ ऑरेंज जोन में है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों की बात करें तो शहर का एक्यूआई 182 दर्ज किया गया। मलदहिया सर्वाधिक प्रदूषित रहा और वहां का एक्यूआई 219 रहा। वहीं भेलपुर का एक्यूआई 186, अर्दली बाजार का एक्यूआई 175 और बीएचयू का एक्यूआई 147 दर्ज किया।
टॉप टेन प्रदूषित शहर
घाटमपुर - 333
जौनपुर-325
वाराणसी-282
सीतापुर-264
मड़ियाहूं-258
उन्नाव-236
नानपारा-227
पटना-222
अकबरपुर-219
कानपुर-204
दिसंबर माह से वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर है। इससे सांस रोगियों की समस्या बढ़ती जा रही है। ठंड के कारण प्रदूषण का स्तर और भी खराब होता जा रहा है। शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति देखी जाए तो बीते दिसंबर में 20 से अधिक दिन एक्यूआई इंडेक्स 300 से ऊपर रहा है। वहीं जनवरी में भी तीन सौ के ऊपर तक यह आंकड़ा पहुंच गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी ने तो स्थितियां और खराब की हैं।
वैद्य सुशील कुमार दुबे ने बताया कि हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा सांस और फेफड़े के रोगियों के लिए ठीक नहीं है। बच्चों और बुजुर्गों को भी सतर्कता बरतनी होगी। खराब हवा के माहौल में बगैर मास्क लगाए घर के बाहर जाना स्वास्थ्य केलिए नुकसानदायक हो सकता है।
बीएचयू के वैज्ञानिक प्रो. बीडी त्रिपाठी ने बताया कि हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ी है। ठंड के कारण प्रदूषक तत्व हवा में घुल नहीं पा रहे हैं जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। ठंड के कारण शहर में जगह-जगह अलाव भी जलाए जा रहे हैं कहीं-कहीं तो कूड़ा भी लोग जला रहे हैं। यह प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बन रहा है।
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