खिलाड़ी हत्याकांड में अभियुक्तो के प्रति पुलिस की मेहरबानी, विभाग को खड़ा कर रही है सवालो के कटघरे में


जौनपुर। थाना गौराबादशाहपुर पुलिस द्वारा ग्राम कबीरुद्दीनपुर में हुई हृदय विदारक हत्या की घटना से सम्बन्धित एक और अभियुक्त को जेल भेजने की पूरी स्क्रिप्ट ने थानाध्यक्ष गौराबादशाहपुर को फिर सवालो के कटघरे में खड़ा किया है लेकिन विभाग के तेज तर्रार उच्चाधिकारी जिनसे पीड़ित परिवार को न्याय की आश थी वह खामोश बने हुए है। पुलिस चाहे जो कहांनी गढ़े लेकिन जन मानस को पता चल गया था कि कबीरूद्दीनपुर गाँव के हत्याकांड का मास्टरमाइंड और योजना बनाने वाला मुख्य अभियुक्त रमेश यादव का बड़ा भाई जो पुलिस विभाग में दरोगा के पद पर जनपद मेरठ स्थित थाना मवाना पर तैनात है भी एक नवंबर को थाना गौराबादशाहपुर पर आ गया था उसे चौकी गौराबादशाहपुर के संरक्षण में एक रात अतिथि की तरह रोका गया और दूसरे दिन यानी 02 नवंबर 24 को एक पुलिसिया कहांनी तैयार करते हुए पूरे सम्मान के साथ न्यायालय भेज कर जेल दाखिल करा दिया गया। 
इसमें थानाध्यक्ष गौराबादशाहपुर ने जो कहांनी रची है उसके अनुसार थाना गौराबादशाहपुर पर पंजीकृत मु0अ0सं0 250/2024 धारा 3, 191(3), 131, 103(2), 61(2)(ए) बीएनएस एवं 7 सीएलए एक्ट में 
वांछित अभियुक्त राजेश यादव पुत्र लालता यादव जो कि उ0नि0 के पद पर थाना मवाना जनपद मेरठ मे कार्यरत है को पूछताछ हेतु थाना पर बुलवाया गया पूछताछ किया गया तथा नामित अभियुक्त राजेश यादव के मोबाइल नंबर से घटना से एक दिन पूर्व तथा घटना के बाद कई बार मुकदमा उपरोक्त के नामित अभियुक्तगणो से लगाकर वार्ता का किया जाना पाया गया अभियुक्त उपरोक्त द्वारा उक्त जघन्य घटना का योजना बनाकर षड़यंत्र रचित करके घटना कारित कराना प्रमाणित होना पाया गया। अभियुक्त दरोगा राजेश कुमार यादव को गिरफ्तार बताते हुए हस्व कायदा,वजाफ्ता पुलिस हिरासत में 02 नवंबर को समय करीब 02.45 बजे लिया गया और अभियुक्त दरोगा राजेश कुमार यादव को अन्तर्गत धारा 3, 191(3), 131, 103(2), 61(2) (ए) बीएनएस व 7 सीएलए एक्ट में चालान कर न्यायालय के जरिए जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त उपनिरीक्षक के पद पर तैनात लोक सेवक है अतः नियमानुसार गिरफ्तारी की सूचना इनके तैनाती स्थान पर उच्चधिकारीगण को अलग भेजवायी जा रही है। इस तरह कबीरूद्दीनपुर गाँव के जघन्यतम हत्याकांड के मास्टरमाइंड अभियुक्त को थाना गौराबादशाहपुर की पुलिस ने पूरे सम्मान के साथ जेल भेजने का काम कर दिया है। इस खेल के पीछे की कहांनी सभी जानते है कि आखिर थानाध्यक्ष मेहरबान क्यों हुए है और शीर्ष अधिकारी चुप क्यों है? नहीं लगता की पीड़ित परिवार को इन पुलिस जनो से न्याय मिल सकेगा।

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