अपहरण की घटना को लेकर सरकार पर कांग्रेस का हमला,यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी बाड्रा शोसल मीडिया पर दागा सवाल



लखनऊ। विकास दूबे कान्ड के बाद से उत्तर प्रदेश में  कानपुर इन दिनों खासा चर्चा में है।  अब एक व्यक्ति के अपहरण का मामला सुर्खियों में है। इस मामलें को लेकर एक बार फिर यूपी की कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्षी दल सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे है। कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर यूपी की कानून-व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि ये उसी कानपुर का मामला है, जहां कुछ दिनों पहले इतनी बड़ी घटना घटी थी। अब आप यूपी की कानून  व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगा सकते है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि कानपुर में बदमाशों ने एक युवक का अपहरण कर लिया था। अपहरण करने वालों ने परिवार से फिरौती मांगी। परिवार ने मकान और शादी के जेवर बेंचकर 30 लाख रुपए इकट्ठा किए। पुलिस के कहने पर परिजनों ने पैसे से भरा बैग भी अपहरणकर्ताओं के हवाले कर दिया और पुलिस न तो बदमाशों को पकड़ सकी और न ही उनका बेटा छुड़ा सकी। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ये उसी कानपुर का मामला है जहां कुछ दिनों पहले इतनी बड़ी घटना घटी थी।

अब आप यूपी की कानून व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं। बता दे कि कानपुर के बर्रा निवासी चमन यादव के बेटे संजीत के बीती 22 जून को बाइक समेत लापता होने पर उसके परिजनों ने बर्रा थाने को सूचित किया था। पुलिस की छानबीन चल ही रही थी कि इसी बीच संजीत के पिता के पास अपहरणकर्ताओं का फोन आया और उन्होंने उनके बेटे को छोड़ने के लिए 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी। संजीत के पिता ने इस बात की सूचना भी बर्रा थाने को दी। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

पुलिस ने संजीत के परिजनों से कहा कि वह 30 लाख रुपये का इंतजाम करे और जब अपहरणकर्ता फिरौती की रकम लेने आयेंगे तो पुलिस उन्हे पकड़ लेगी। इस पर पीड़ित परिजनों ने अपना मकान और बेटी के शादी के जेवर बेच कर 30 लाख रुपये का इंतजाम किया। अपहरणकर्ताओं के मुताबिक बीते सोमवार को संजीत के परिजन फिरौती की रकम लेकर गुजैनी फ्लाईओवर पर पहुंचे। पुलिस ने भी फ्लाईओवर के पूरे इलाके में सादे कपड़ों मे तैनाती कर दी। इसी बीच अपहरणकर्ताओं ने अपना इरादा बदल दिया और संजीत के परिजनों को धमकाते हुए पैसों का बैग फ्लाईओवर से नीचे फेंकने को कहा। इस पर संजीत के परिजनों ने फिरौती का धन नीचे फेक दिया, जिसे लेकर अपरहणकर्ता भाग गए लेकिन पुलिस इस बदले घटनाक्रम के लिए तैयार नहीं थी और वह अपहरणकर्ताओं को पकड़ नहीं सकी।

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