रोजगार न मिलने से आर्थिक संकट से जूझ रहा प्रवासी हुआ आत्महत्या के लिए मजबूर



जौनपुर। कोरोना संक्रमण के चलते लाक डाऊन की अवधि में मुम्बई से भाग कर जौनपुर आने वाले प्रवासी 25 वर्षीय अजय कुमार पाण्डेय को यहाँ पर मनरेगा अथवा किसी भी योजना के तहत रोजगार न मिलने से दुखी एवं मजबूर  होकर आज उसने फांसीलगाकर मौत को अंगीकार कर लिया है। खबर है वह लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहा था उसकी सहायता किसी भी स्तर से नहीं की गयी थी। 
जी हाँ घटना थाना बरसठी क्षेत्र स्थित ग्राम शेखनपुर की है यहाँ पर युवक उपरोक्त सुबह शौच के लिए निकला था घर से लगभग 200 मीटर की दूरी पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। घटना की सूचना परिजनों को होते ही घर में कोहराम मच गया ।
सूचना पाने के पश्चात मौके पर गयी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। ग्रामीण जनो के अनुसार अजय पाण्डेय मुम्बई के एक फैक्ट्री में काम करता था कोरोना संक्रमण के चलते फैक्ट्री बन्द हो गयी। सामने रोटी रोजी का संकट खड़ा हो गया किसी तरह भाग कर मुम्बई से जौनपुर अपने घर वापस लौटा था। यहाँ भी उसके समक्ष आर्थिक संकट था काम के लिए परेशान रहता था। काफी प्रयास किया कि मनरेगा के तहत काम मिल सके लेकिन असफलता हाथ लगी आज दुखी होकर उसने अपनी जीवन लीला ही खत्म कर लिया।
खबर है कि पिता एक दशक पहले ही इस दुनियां को अलविदा कह दिये हैं जबकि मां और भाई है  ।
इस घटना ने सरकार के दावों के सच का पोल खोल कर रख दिया है। सच यही है कि सरकार चाहे जितने दावे करे लेकिन जमीनी स्तर पर प्रवासी मजदूर जो महानगरों से इस कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक संकट के चलते घरों को आये हैं उनके रोजगार के लिए कोई व्यवस्था जिम्मेदारों द्वारा नहीं किया जा सका है। प्रवासी या तो फिर महानगरों की ओर पलायन के लिए मजबूर हैं या फिर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं अथवा उपरोक्त की तरह जीवन लीला ही खत्म कर रहे हैं। 



 

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