डॉ. नंबूदिरि ने सांप, बिच्छू से भय खत्म करने के दिये टिप्स




तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का हुआ समापन

जौनपुर। ‌वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई-सम्मेलन के तीसरे दिन केरल के विशेषज्ञ डॉ0 जयन नंबूदिरी, मनो-चिकित्सक ने ओडीसी सांप बिच्छू, छिपकली के भय से कैसे बचा जाए इस बारे में विस्तार से अभ्यास कराया। आमंत्रित वक्ता के रूप मे महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वड़ोदरा, गुजरात से प्रो0 उर्मी विश्वास ने कोरोना महामारी के पश्चात कैसे हम पुनर्निर्माण की तरफ बढ़ सकते है और हम अपने मनो-सामाजिक स्वास्थ्य को किस तरह से अच्छा कर सकते है।  आमंत्रित वक्ता के रूप में फिलिस्तीन के बेथलहम विश्वविद्यालय की एसो0 प्रोफेसर नहिदा अर्जा द्वारा बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य को हम कैसे बेहतर कर सकते हैं, पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों की हमें सेवा करना है | कोरोना के प्रकोप से बुजुर्ग ज्यादा प्रभावित हुए हैं। हम सब अपने अपने-अपने जीवन में ही व्यस्त हैं। ई-सम्मेलन के समापन सत्र मे मुख्य अतिथि के रूप मे मनोविज्ञान के प्रख्यात विषय-विशेषज्ञ एवं शिक्षाविद प्रो0 गिरीश्वर मिश्र, पूर्व कुलपति ने बताया कि मन की स्थिति, सकारात्मक सोच और जीवन में संतुष्टि ही  हमे उत्तम मानसिक स्वास्थ्य की ओर ले जाती है । हमारे प्रतिबिंब के आधार पर आपका व्यवहार प्रदर्शित होता है। प्रो0 मिश्र ने बताया कि महात्मा गांधी जी कहते थे कि इंसान और जानवर एक जैसे हैं, केवल इंसानों की ही कुछ सीमाएं निर्धारित हैं। सम्मेलन के अंतिम सत्र मे इस अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक डॉ0 मनोज कुमार पाण्डेय एवं निर्णायक मंडल द्वारा गुजरात की दर्शना शाह और बिहार के शिशु केश कुमार को बेस्ट पेपर प्रेजेंटेशन का पुरस्कार दिया गया। आयोजन सचिव के रूप मे विभाग की सहायक आचार्य, सुश्री अनु त्यागी रहीं। इस अवसर पर व्यावहारिक मनोविज्ञान के विभागाध्यक्ष, प्रो0 अजय प्रताप सिंह, डॉ0 जाह्नवी श्रीवास्तव, तकनीकी सहायक अमरेश कुमार यादव ने प्रतिभाग किया।

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