गंगा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी से पूर्वांचल की नदियां प्रभावित बाढ़ की बढ़ी सम्भावनाएं


पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बरसात का असर अब बनारस में नजर आने लगा है। गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर 63.70 मीटर दर्ज किया गया।  गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली गंगा आरती का स्थान बदलना पड़ा। वहीं, अस्सी से राजघाट के बीच घाटों का आपसी संपर्क भी समाप्त हो गया। गंगा के बढ़ते जल स्तर का प्रभाव गंगा से मिलने वाली नदियों पर पड़ सकता है। ऐसा माना जाता है कि गंगा के जल स्तर बढ़ने से सबसे अधिक गोमती प्रभावित होती है। 
केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे 63.40 मीटर था। इसके बाद गंगा के जलस्तर में तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की गई। गंगा घाट पर बाढ़ की आशंका से किनारों पर जहां नौका सुरक्षित करने में नाविक लगे हैं, वहीं दूसरी ओर दुकानें भी अब ऊपर की ओर खिसकने लगी हैं। जलस्तर बढ़ने से वरुणा में पलट प्रवाह की आशंका से तटवासियों की चिंता बढ़ने लगी है। आगे की स्लाइड्स में देखें..
दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती बढ़ते जलस्तर के कारण शनिवार को अपने स्थान से पीछे संपन्न हुई। बता दें कि आरती कोविड के कारण सांकेतिक रूप से हो रही है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे गंगा का जलस्तर बढ़ेगा, आरती घाट की सीढ़ियों पर होने लगेगी। गंगा का जलस्तर ज्यादा बढ़ जाने पर आरती  छत पर होने लगेगी।
वाराणसी में गंगा सहित कई पूर्वांचल की नदियों का जलस्तर अब बढ़ाव की ओर होने के साथ ही चुनौती का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है।  जिला प्रशासन ने कहा है कि घाट पर स्नान करने वाले लोग बेहद सावधानी बरतें। गंगा घाट पर बाढ़ की आशंका से किनारों पर जहां नौका सुरक्षित करने में नाविक लगे हैं वहीं दूसरी ओर दुकानें भी अब ऊपर की ओर खिसक गईं हैं। 

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