विंध्याचल में मां के दर्शन को आये गंगा की गोंद में समाये पांच दर्शनार्थियों आज तक पता नहीं लगाया जा सका,लापरवाही का आरोप
विंध्याचल के अखाड़ा घाट के सामने गंगा में डूबे छह दर्शनार्थियों में से पांचवे दिन तक पांच लोगों का सुराग नहीं लगा। हालांकि परिजन अपनों को मिलने की आस में दिनभर मौजूद रहते हैं। जब भी कोई नाव या सर्च टीम किनारे पर लौटती है तो परिजन उनसे यहीं सवाल बार बार पूछ रहे हैं कि कोई मिला क्या। बीते बुधवार दोपहर अखाड़ाघाट के सामने नौका दुर्घटना के चार दिन व्यतीत हो जाने के बाद भी अपने बच्चों व पत्नी को सकुशल देखने के लिए परिजनों की आंखें बेचैन प्रतीत हो रही है। पीड़ितों के साथ उनके गृह जनपद से कुल 45 लोग भी विंध्याचल में ही हैं।
शनिवार को जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार व पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह अखाड़ा घाट पहुंचे। अधिकारियों ने पीड़ित परिजनों से मिलकर उनको हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व में जब भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, 24 से 36 घंटे के दरम्यान में शव बरामद हो गए। इस बार गंगा के जलस्तर में वृद्धि व बहाव तेज होने के चलते डूबे लोगों की तलाश में व्यवधान आ रहा है।
गोताखोरों ने जिलाधिकारी व एसपी को बताया कि अगर नाव पलटने के बाद डूबी है। हो सकता है कि घटनास्थल पर गंगा की गहराई में लापता पांच लोगों को लेकर बैठ गई हो। चूंकि तीन दिन से अधिक समय व्यतीत हो चुका है इसलिए नाव पर मिट्टी व बालू की मोटी परत इत्यादि भी जम गई होगी।
पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया कि इस घाट पर जब तक खोज की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती तब तक के लिए 24 घंटे पुलिस की तैनाती की जाए। नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह ने एनडीआरएफ की टीमों को विभाजित होकर खोज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने चुनार , भटौली व गोगांव में एक एक टीम तथा घटना स्थल पर तीन टीमों को खोज करने के लिए कहा है। पीड़ित परिजनों के लिए लंच बॉक्स का भी प्रबंध नगर मजिस्ट्रेट ने कराया।
नाव हादसे में लापता छह में से पांच लोगों का अब तक पता नहीं चलने पर शनिवार को परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। प्रशासन व पुलिस पर असहयोग करने का आरोप लगाते हुए घाट पर विरोध जताया। बाद में विंध्याचल कोतवाली पहुंच कर प्रदर्शन किया। धरने पर बैठने की चेतावनी दी।
परिजनों ने तलाशी अभियान में हीलाहवाली का आरोप लगाने के साथ ही पानी व अन्य प्रकार की व्यवस्था न किए जाने की भी शिकायत की। परिजनों की शिकायत सुनने के बाद अधिकारियों ने उनकी बातों को अमल में लाने का आश्वासन देकर पुन: घाट पर भेजा।
झारखंड के जमशेदपुर, रांची व बिहार के बक्सर से आए एक ही परिवार के 12 सदस्य बुधवार को नाव से विंध्याचल के अखाड़ा घाट से गंगा पार गए थे। वहां स्नान करने के बाद वापस आ रहे थे। तेज हवा व बारिश में नाव गंगा में पलट गई। इसमें नाविक, फोटोग्राफर सहित आठ लोग तो बच गए, पर परिवार के छह सदस्य लापता हो गए। एक बालक का शव अगले दिन बृहस्पतिवार को फतहा घाट पर उतराया मिला। उसके बाद से एनडीआरएफ की टीम तलाश में किसी का पता नहीं लगा सकी।
घटना के बाद परिवार के काफी सदस्य विंध्याचल पहुंचे हैं। तीन महिलाएं व दो बच्चे अब भी लापता हैं। परिजनों का आरोप है कि सर्च टीम लापरवाही कर रही है, थाने से कोई सहयोग नही मिल रहा। फोन तक नहीं उठाते। कहा कि एक बार भी कोई अधिकारी उनसे बात करने नहीं आ रहा।
इसपर कमिश्नर ने आश्वासन दिया कि आज से युद्ध स्तर पर एनडीआरएफ़ की टीम खोज करेगी। इसके बाद एएसपी सिटी, नगर मजिस्ट्रेट अखाड़ा घाट पहुंचे जहां एनडीआरएफ़ के अधिकारी को बुला कर स्थिति से रूबरू हुए और युद्ध स्तर पर खोज करने का निर्देश दिया।
नौका दुर्घटना में लापता लोगों की तलाश में जुटी एनडीआरएफ टीम के साथ गए डूबी महिला के भाई मुन्ना तिवारी की शनिवार की दोपहर तबीयत खराब हो गई। इसके बाद एनडीआरएफ़ बोट को अखाड़ा घाट लाई, जहां मुन्ना तिवारी को घाट पर रखी चौकी पर लिटाया गया। मौके पर मौजूद नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह ने तत्काल ग्लूकोज , फल, पानी इत्यादि का प्रबंध कराया।
विंध्याचल के अखाड़ा घाट गंगा नदी में नाव पलटने से लापता पांच लोगों की खोजबीन में एनडीआरएफ वाराणसी और पीएसी फ्लड की टीम लगी है। खोजबीन में तेजी लाने के लिए दो अन्य टीमों को बुलाया गया है। एससपी सिटी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि प्रयागराज से जल पुलिस की एक टीम बुलाया गया है। इसके अलावा लखनऊ से एक एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है।
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