महिला से बदसलूकी मामले में सरकार हुई गम्भीर श्रीकांत को गनर देने वालो की जांच शुरू


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्धनगर में ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी में कथित भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी द्वारा महिला से बदसलूकी के मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। सीएम योगी ने आरोपित श्रीकांत के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का निर्देश देने के साथ ही गृह विभाग से उसे पूर्व में गनर उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों के बारे में रिपोर्ट भी तलब की है। श्रीकांत को गनर दिलाने में मददगार रहे अधिकारियों की जल्द मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शासन मामले में चल रही कार्रवाई की पल-पल की रिपोर्ट ले रहा है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि शासन व डीजीपी डीएस चौहान ने महिला से बदसलूकी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को बेहद गंभीरता से लिया है। मुख्य आरोपित श्रीकांत त्यागी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है और उसकी तलाश में कई विशेष पुलिस टीमें लगाई गई हैं। उसकी तलाश में एसटीएफ को भी लगाया गया है। श्रीकांत की तलाश में एक टीम उत्तराखंड भी गई है।


एडीजी का कहना है कि घटना के बाद प्रभारी निरीक्षक को निलंबित किया गया था। ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी में सुरक्षा-व्यवस्था के लिए लगाए गए एक उपनिरीक्षक व चार सिपाहियों को भी ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित किया गया है। सोसाइटी के लोगों की मदद से वहां आने-जाने वाले हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग कराई जा रही है। पीड़ित महिला की सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं। नोएडा पुलिस ने श्रीकांत त्यागी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। डीजीपी मुख्यालय से पूरे मामले में चल रही कार्रवाई की समीक्षा की जा रही है।

श्रीकांत त्यागी का सपा शासनकाल में भी बड़ाें से रसूख था। उसे वर्ष 2013 में पहली बार सपा शासनकाल में गनर हासिल हुआ था। वर्ष 2014 में भी उसे गनर मिला था, लेकिन कुछ माह बाद गनर वापस हो गये थे। सूत्रों का कहना है कि अक्टूबर 2018 में श्रीकांत ने पहले गाजियाबाद से एक गनर हासिल किया था और उसी दिन उसे शासन से दो गनर भी हासिल हुए थे। अगस्त, 2019 में श्रीकांत को एक और गनर मिला था।


श्रीकांत के अलावा उसकी पत्नी को भी वर्ष 2019 में तीन गनर मिले थे। बताया गया कि फरवरी, 2020 में लखनऊ में एक महिला से हुए विवाद के बाद गोमतीनगर थाने में एफआइआर दर्ज हुई थी। इसके बाद ही श्रीकांत व उसकी पत्नी के गनर हटाने का आदेश हुआ था। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि फरवरी, 2020 से श्रीकांत त्यागी और उसकी पत्नी को कोई गनर प्राप्त नहीं है।


भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर का दावा है कि महिला से अभद्रता का आरोपित श्रीकांत त्यागी कभी भी भाजपा का पदाधिकारी नहीं रहा है। उनका कहना है कि त्यागी के मनोनयन से संबंधित वर्ष 2018 का वायरल कथित पत्र भी फर्जी है, क्योंकि पत्र में उसे भाजपा किसान मोर्चा की युवा किसान समिति का प्रदेश सह-संयोजक बताया गया है, जबकि किसान मोर्चा की ऐसी कोई समिति ही नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि इस संबंध में संगठन पदाधिकारियों से बात हुई है, जरूरी हुआ तो फर्जी मनोनयन पत्र के मामले में भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

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