अपने सपनों पर रखे विश्वास, निश्चित है सफलता - कुलपति
महिला छात्रावास में कुलपति ने छात्राओं को दिया जीवन जीने का मंत्र
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस सप्ताह के अंतर्गत आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए सबसे जरूरी है कि अपने ऊपर विश्वास रखें। विद्यार्थी विश्वविद्यालय अपने सपनों को पूरा करने आए हैं, इसलिए लक्ष्य के प्रति समर्पित रहकर परिश्रम करें। कल क्या होगा, उसकी चिंता में आज के सुनहरे अवसर को ना गवाएं। अपने लक्ष्य के लिए सकारात्मक सोच के साथ निरंतर मेहनत करते रहे।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह शुक्रवार को विश्वविद्यालय के द्रोपदी छात्रावास में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस सप्ताह के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने छात्राओं को जीवन जीने का मंत्र दिया।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर सफलता की पहली शर्त है। इसके लिए नियमित दिनचर्या का पालन करें, समय से भोजन करें, पढ़ाई करें और सोएं। जैविक घड़ी (बायोलॉजिकल क्लॉक) के अनुरूप काम करना जरूरी है। प्राणायाम से मन शांत होता है। देर रात तक जागना बहुत बड़ी समस्या है, इससे बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अच्छा आचरण, माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान तथा सकारात्मक सोच इंसान को आगे बढ़ाती है। इंसान सकारात्मक मानसिकता के साथ सब कुछ कर सकता है। विद्यार्थियों को खेलकूद में भाग लेना चाहिए और अच्छे संबंध बनाने चाहिए। उन्होंने समय की पाबंदी और कार्य के प्रति अनुशासन को भी सफलता की कुंजी बताया।
वैलनेस सेंटर की नोडल अधिकारी डॉ. अन्नू त्यागी ने कहा कि जीवन में सबके लिए खुशियों के मायने और कारण अलग-अलग होते हैं। अपने जीवन में खुशियों को आने दें तभी सुकून मिल सकता है।
छात्रावास की वार्डन पूजा सक्सेना ने आभार व्यक्त किया। संकाय भवन के कांफ्रेंस हॉल में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया विद्यार्थियों ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर पोस्टर निर्मित किए।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर सफलता की पहली शर्त है। इसके लिए नियमित दिनचर्या का पालन करें, समय से भोजन करें, पढ़ाई करें और सोएं। जैविक घड़ी (बायोलॉजिकल क्लॉक) के अनुरूप काम करना जरूरी है। प्राणायाम से मन शांत होता है। देर रात तक जागना बहुत बड़ी समस्या है, इससे बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अच्छा आचरण, माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान तथा सकारात्मक सोच इंसान को आगे बढ़ाती है। इंसान सकारात्मक मानसिकता के साथ सब कुछ कर सकता है। विद्यार्थियों को खेलकूद में भाग लेना चाहिए और अच्छे संबंध बनाने चाहिए। उन्होंने समय की पाबंदी और कार्य के प्रति अनुशासन को भी सफलता की कुंजी बताया।
वैलनेस सेंटर की नोडल अधिकारी डॉ. अन्नू त्यागी ने कहा कि जीवन में सबके लिए खुशियों के मायने और कारण अलग-अलग होते हैं। अपने जीवन में खुशियों को आने दें तभी सुकून मिल सकता है।
छात्रावास की वार्डन पूजा सक्सेना ने आभार व्यक्त किया। संकाय भवन के कांफ्रेंस हॉल में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया विद्यार्थियों ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर पोस्टर निर्मित किए।
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