बीएसए के निरीक्षण में कई शिक्षक मिले लापता, भारी खामियां उजागर
डॉ. पटेल ने शिक्षकों की उपस्थिति, विद्यार्थियों की संख्या, अधिगम स्तर, मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता और विद्यालय परिसर की स्वच्छता का बारीकी से परीक्षण किया। उन्होंने छात्रों से पाठ सुनाकर पढ़ाई की स्थिति परखी और अध्यापकों से प्रगति रिपोर्ट ली। बीएसए ने चेतावनी दी कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना सभी की प्राथमिक जिम्मेदारी है और लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कई शिक्षक अनुपस्थित, वेतन रोका गया
कम्पोजिट विद्यालय जूड़पुर, रामनगर में निरीक्षण के समय प्रभारी प्रधानाध्यापिका समेत चार शिक्षक बिना सूचना अनुपस्थित मिले। बीएसए ने सभी का वेतन/मानदेय रोक दिया। वहीं, उपस्थिति दर्ज कराने में देर से आने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। विद्यालय में 183 में से केवल 20 छात्र उपस्थित पाए गए, जबकि मध्यान्ह भोजन पंजिका में 100 से अधिक लाभार्थी दर्ज थे।
अधिगम स्तर कमजोर, ICT लैब बेकार पड़ी
कम्पोजिट विद्यालय नारायणपुर, रामनगर में 347 नामांकित बच्चों में से केवल 173 उपस्थित थे। कक्षा 7 के बच्चों से गणित पूछने पर मुश्किल से 2 छात्रों ने सही उत्तर दिया। बीएसए ने अधिगम स्तर पर गहरी नाराजगी जताई। विद्यालय में स्थापित ICT लैब का सामान कक्षा के एक कोने में रखा हुआ मिला, जिसका छात्रों को कोई लाभ नहीं मिल रहा था।
बरसठी व मछलीशहर क्षेत्र में भी मिली अनियमितताएं
बरसठी के कम्पोजिट विद्यालय हरद्वारी में दो शिक्षक बिना सूचना अनुपस्थित मिले। कक्षा 8 के बच्चों से गणित पूछने पर केवल एक छात्र ही उत्तर दे सका। यहां खेल-कूद सामग्री पैकेट में बंद मिली। बीएसए ने सभी कर्मचारियों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सुधार के निर्देश दिए।
इसी तरह मछलीशहर के कई विद्यालयों में उपस्थिति बेहद कम मिली। कहीं मध्यान्ह भोजन पंजिका अद्यतन नहीं थी, तो कहीं शिक्षक लगातार अनुपस्थित मिले। भिदुना, भाटाडीह और जमुहर विद्यालयों में छात्र संख्या और पंजिका में भारी अंतर पाया गया।
बीएसए के निर्देश
डॉ. पटेल ने स्पष्ट कहा कि–
- प्रत्येक विद्यालय में नामांकित बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
- बच्चों की अधिगम क्षमता बढ़ाने के लिए प्रभावी शिक्षण विधियां अपनाई जाएं।
- मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता और पोषण मानकों का पालन हर हाल में हो।
- विभागीय योजनाओं व शैक्षिक गतिविधियों को समय सीमा में पूरा किया जाए।
निरीक्षण के दौरान लापरवाही पर कई प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों का वेतन रोका गया और कुछ को नोटिस जारी किया गया। वहीं, बीएसए ने छात्रों को नियमित अध्ययन और अनुशासन के लिए प्रेरित करते हुए शिक्षकों से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का सख़्त निर्देश दिया।
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